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Britain: कोरोना महामारी के चलते नहीं हो पाई जांच, कैंसर से मर गई 27 साल की महिला

एक महिला की जान सर्वाइकल कैंसर के चलते हो गई क्योंकि सही समय पर महिला की जांच ही नहीं हो पाई थी. डॉक्टर बीमारी का पता लगा पाने में नाकाम रहे.

लिजी इवांस की जान चली गई

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लिजी इवांस की जान चली गई

लंदन: ब्रिटेन में कोरोना महामारी की वजह से तो लोगों की जानें जा रही हैं, लेकिन इस महामारी के दौरान बहुत सारे ऐसे लोगों ने भी दम तोड़ दिया, जिन्हें किसी अन्य बीमारी के चलते इलाज की जरूरत थी. ऐसी ही एक महिला लिजी इवांस की जान चली गई, क्योंकि सही से चेकअप नहीं किया गया और गलत तरीके से उनका इलाज चलता रहा. जिसकी वजह से आखिर में उनकी जान ही चली गई. तस्वीर: justgiving

 

मेनोपॉज का इलाज करते रहे डॉक्टर

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मेनोपॉज का इलाज करते रहे डॉक्टर

लिजी इवांस को सर्वाइकल कैंसर की समस्या थी, लेकिन डॉक्टरों को लगा कि ये जल्दी मेनोपॉज की वजह से है. वो पहले भी कैंसर ग्रसित रही थीं लेकिन वो ठीक हो गई थीं. इस महामारी के दौरान फिर से उनके पुराने रोग ने धावा बोला और वो बच नहीं पाई. उन्हें जब दर्द की शिकायत उठती, तो डॉक्टर मेनोपॉज से निपटने वाली दवाई देते.

चार बच्चों की मां थी लिजी

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चार बच्चों की मां थी लिजी

लिजी इवांस के चार बच्चे हैं. चौथे बच्चे के जन्म के बाद समस्याएं बढ़नी शुरू हो गई थीं. इस महामारी के दौरान अस्पताल हर तरह की जांच करने में अक्षम थे. जिसकी वजह से कैंसर का शुरुआती दौर में पता ही नहीं चला. जब कैंसर आखिरी स्टेज में पहुंचा, तब जाकर पता चला. 

वेल्स की रहने वाली थी लिजी

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वेल्स की रहने वाली थी लिजी

लिजी इवांस वेल्स की रहने वाली थी. वो बगिल्ट इलाके में रहती थी. उनके चौथे बच्चे का जन्म तय समय से 8 सप्ताह पहले ही हो गया था. लेकिन उनकी बीमारी के बारे में डॉक्टर भी बेखबर थे. ऐसे में एक साल से भी कम समय में उनकी तकलीफ तेजी से बढ़ी. उन्हें मेनोपॉज से निपटने वाली दवाइयां दी जाती रहीं. लेकिन जब दर्द हर सीमा को पार कर गया, तब जाकर उनकी जांच हुई और सर्वाइकल कैंसर के बारे में पता चला. 

पहले कराती थी नियमित जांच

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पहले कराती थी नियमित जांच

लिजी इवांस की मौत 31 मार्च को हुई. उन्होंने अपनी मौत से पहले कहा था कि वो पहले लगातार जांच कराती थी. इस बार महामारी की वजह से जांच नहीं हो पाई. उनके चारों बच्चों की उम्र 9, 8, 2 और एक साल है. डेलीमेल की खबर के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान अकेले इंग्लैंड में कैंसर के 35 ज्यादा से ज्यादा मामले जानलेवा साबित हुए.

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