पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र चीफ को कश्मीर पर सौंपे दस्तावेज, 'मानवाधिकार उल्लंघनों' का आरोप
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पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र चीफ को कश्मीर पर सौंपे दस्तावेज, 'मानवाधिकार उल्लंघनों' का आरोप

अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र से यह अपील भी की कि वह कश्मीर में विशेष दूत नियुक्त करें. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में वित्त और विदेश मंत्री के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने शिरकत की.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतरेस से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी. (IANS/21 Sep, 2017)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतरेस को कुछ दस्तावेज सौंपे हैं . देश के शीर्ष सुरक्षा संगठन को शुक्रवार (29 सितंबर) को इस बारे में सूचित किया गया. प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान महासचिव को ऐसे दस्तावेज सौंपे जिनमें कश्मीर में ‘‘भारत की ओर से किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघनों’’ का ब्यौरा है. अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र से यह अपील भी की कि वह कश्मीर में विशेष दूत नियुक्त करें. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में वित्त और विदेश मंत्री के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों और आला नौकरशाहों ने शिरकत की.

इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जम्मू एवं कश्मीर को भारत के साथ विवाद की प्रमुख वजह बताया था. आसिफ ने न्यूयॉर्क में मंगलवार (26 सितंबर) को एशिया सोसाइटी की एक संगोष्ठी में कहा, "जब तक भारत के साथ संबंधों में सुधार नहीं होता तब तक पड़ोस में शांति हासिल करना असंभव है."

एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद संबंधों को सामान्य करने और सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए नई दिल्ली की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन 'भारत ने उचित जवाब नहीं दिया.' उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर सीमा पर लड़ाई करने, राजनीतिक बयानबाजी तेज करने और कश्मीर में नागरिकों पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि शांति के लिए ये सब ठीक नहीं है.

चीन की पाकिस्तान को दो टूक, भारत के साथ द्विपक्षीय तरीके से सुलझाओ कश्मीर मुद्दा

चीन ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने के इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के आह्वान को खारिज करते शुक्रवार (22 सितंबर) को कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए इस मसले का हल द्विपक्षीय तरीके से करना चाहिए. कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने के ओआईसी के संपर्क समूह के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस मसले को सुलझाना चाहिए.

लू ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘चीन ने संबंधित रिपोर्ट पर गौर किया है. कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख पूरी तरह स्पष्ट है.’ उन्होंने कहा, ‘चीन को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान संवाद एवं संचार बढ़ा सकते हैं और संबंधित मुद्दों से उचित तरीके से निपट सकते हैं. वे संयुक्त तौर पर क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता की रक्षा कर सकते हैं.’

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