पनामा पेपर्स: न्यायपालिका के खिलाफ भाषण देने पर पीएम अब्बासी को हाईकोर्ट ने थमाया नोटिस
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पनामा पेपर्स: न्यायपालिका के खिलाफ भाषण देने पर पीएम अब्बासी को हाईकोर्ट ने थमाया नोटिस

समाचार चैनल डॉन न्यूज ने खबर दी है कि न्यायमूर्ति शाहिद करीम की अदालत में अपना पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के भड़काऊ बयान देकर अब्बासी न्यायपालिका को विवादित बनाने की कोशिश कर रहे थे.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी. (फाइल फोटो)

लाहौर: लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को सियालकोट में एक भड़काऊ भाषण में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में नोटिस जारी किया है. अदालत ने शुक्रवार (12 जनवरी) को यह नोटिस एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री ने पनामा पेपर्स पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को रद्दी का एक टुकड़ा करार दिया था. अदालत ने सरकार और पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) को भी नोटिस जारी किया. 'डॉन' ने शनिवार (13 जनवरी) को बताया कि अधिवक्ता अजहर सिद्दीकी ने याचिका दायर की थी. उन्होंने दलील दी कि अब्बासी की टिप्पणी अदालत की अवमानना है.

  1. लाहौर हाईकोर्ट ने अब्बासी, संघीय सरकार और ‘पेमरा’ को नोटिस जारी किया.
  2. 15 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक जवाब मांगा.
  3. पनामा पेपर्स मामले में अदालती फैसले पर अब्बासी ने की थी टिप्पणी.

मामले को न्यायाधीश शाहिद करीम की अदालत में पेश करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह की "भड़काऊ बयानबाजी कर प्रधानमंत्री न्यायापालिका को विवादों के घेरे में लाने की कोशिश कर रहे थे." उन्होंने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम ने भी अपने भाषणों में कई बार सर्वोच्च अदालत और उसके न्यायाधीशों की खुलकर आलोचना की है और न्यायपालिका के खिलाफ जनता की भावना को भड़काने की कोशिश की है.

याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रधानमंत्री अब्बासी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने का अनुरोध किया और कहा कि पेमरा को न्यायपालिका को निशाने पर लिए जाने वाले प्रधानमंत्री के भाषण का प्रसारण समाचार चैनलों द्वारा किए जाने पर रोक लगाने को लेकर निर्देश जारी किया जाना चाहिए. अदालत ने 15 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक अब्बासी और उनकी सरकार से जवाब मांगा है. 

पनामा पेपर्स: नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में गवाहों ने दर्ज कराए बयान

इससे पहले बीते 9 जनवरी को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में भ्रष्टाचार विरोधी अदालत के समक्ष और गवाहों ने बयान दर्ज कराए. पिछले साल 28 जुलाई को पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को अयोग्य ठहरा दिया था और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को मामलों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था. इसके बाद आठ सितंबर को शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किए गए थे. शरीफ (67) अपनी बेटी मरियम और दामाद मुहम्मद सफदर के साथ अदालत में पेश हुए.

अदालत ने 16 जनवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी. शरीफ के खिलाफ तीन मामले अल-अजीजिया स्टील मिल्स, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट लिमिटेड और लंदन के एवेनफील्ड इलाके की संपत्तियों से जुड़े हैं. शरीफ और उनके परिवार के सदस्य विदेश की संपत्तियों को लेकर आरोपों का सामना कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अपने बेटों के साथ सभी तीन मामलों में आरोपी हैं. मरियम और उनके पति सफदर एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में आरोपी हैं. शरीफ परिवार ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया है.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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