Pakistan-China News: कंगाल पाकिस्तान की बदहाली से पूरी दुनिया वाकिफ है. पाकिस्तान पर कई देशों का बड़ा कर्ज है. कर्जा देने वाले देशों में बड़ा नाम चीन का भी है. कहने को तो चीन पाकिस्तान का हमदर्द है.. लेकिन हाल फिलहाल पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा दर्द भी चीन ही है.
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Pakistan-China News: कंगाल पाकिस्तान की बदहाली से पूरी दुनिया वाकिफ है. पाकिस्तान पर कई देशों का बड़ा कर्ज है. कर्जा देने वाले देशों में बड़ा नाम चीन का भी है. कहने को तो चीन पाकिस्तान का हमदर्द है.. लेकिन हाल फिलहाल पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा दर्द भी चीन ही है. चीन ने पाकिस्तान को दिए कर्ज की पाई-पाई वापस मांग ली है. चीन की डिमांड के बाद से शहबाज सरकार डगमगाई हुई है. शहबाज चीन की यात्रा पर भी जाने वाले हैं. कहा जा रहा है कि पाक प्रधानमंत्री चीन के दौरे पर कर्जमाफी का अनुरोध करेंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी निवेशकों ने डिफॉल्ट जोखिम बढ़ता देख पाकिस्तान से कर्ज वापस करने के लिए कहा है. पाकिस्तान की आर्थिक मुश्किलें वैश्विक निवेशकों के बीच उसकी विश्वसनीयता को कम कर रही हैं. पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के पूरी तरह से मंदी के कारण डिफ़ॉल्ट होने की बढ़ती आशंकाओं के बीच, चीनी निवेशकों ने इस्लामाबाद से कहा है कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के मद में लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए ऑफशोर बैंक खातों में फंड ट्रांसफर करे.
इसके अलावा, चीनी निवेशकों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इस्लामाबाद को पाकिस्तान में काम कर रही चीनी कंपनियों को दिए जाने वाले 125 मिलियन डॉलर के लाभांश का भुगतान करना चाहिए. चीन की मांग ने पाकिस्तान सरकार के संबंधित हलकों में आपातकालीन स्थिति पैदा कर दी है. पाकिस्तान अब इस बात पर विचार और परामर्श कर रहा है कि किस तरह की प्रतिक्रिया दी जाए.
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने अब तक यह मांग स्वीकार नहीं की है और वह अपनी संभावित प्रतिक्रिया को लेकर सतर्क है. इस्लामाबाद बीजिंग को किसी भी नई रियायत पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की संभावित प्रतिक्रियाओं को लेकर भी सतर्क है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने किसी भी चीनी मांग को स्वीकार करने में विशेष सावधानी बरतने का आग्रह किया है.
वित्त मंत्री ने आईएमएफ के साथ आगामी बेलआउट कार्यक्रम वार्ता को लेकर संवेदनशीलता के कारण कैबिनेट मंत्रियों को फिलहाल किसी भी चीनी मांग को स्वीकार करने के प्रति आगाह किया है. सरकार का कहना है कि इस्लामाबाद ने कभी भी चीनी ऊर्जा ऋण भुगतान में चूक नहीं की है. उम्मीद है कि पाकिस्तान अगले सप्ताह बीजिंग में ऊर्जा पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक के दौरान भी अपनी प्रतिक्रिया रखेगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)