आर्मी चीफ को पाकिस्तान के आर्थिक हालात पर राय जाहिर करने का अधिकार : अब्बासी
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आर्मी चीफ को पाकिस्तान के आर्थिक हालात पर राय जाहिर करने का अधिकार : अब्बासी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा, ‘‘ यदि अर्थव्यवस्था पर हर कोई अपनी राय देने के लिए आजाद है तो सेना प्रमुख अर्थव्यवस्था के बारे में बात क्यों नहीं कर सकते.’’ 

अब्बासी ने कहा,‘‘ राय में भिन्नता हो सकती है लेकिन वहां कोई सैन्य..असैन्य तनाव नहीं है. (FILE)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को देश की आर्थिक स्थिति पर अपनी राय जाहिर करने का प्रत्येक अधिकार है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के संबंध में सेना प्रमुख के बयान को लेकर गृह मंत्री एहसान इकबाल और सेना के मुख्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर के बीच हाल के विवाद के मद्देनजर अब्बासी का यह बयान आया है. 

  1. अब्बासी ने कहा सेना प्रमुख को अर्थव्यवस्था पर राय जाहिर करने का हक.
  2. पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिक्रिया जाहिर की थी. 
  3. जनरल बाजवा ने पाकिस्तान के ‘‘आसमान छूते कर्ज ’’पर चिंता व्यक्त की थी.

अब्बासी ने कहा,‘‘ राय में भिन्नता हो सकती है लेकिन वहां कोई सैन्य..असैन्य तनाव नहीं है.’’उन्होंने सोमवार रात एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा,‘‘ यदि अर्थव्यवस्था पर हर कोई अपनी राय देने के लिए आजाद है तो सेना प्रमुख अर्थव्यवस्था के बारे में बात क्यों नहीं कर सकते.’’ 

अब्बासी की पार्टी के एक वरिष्ठ सासंद राणा अफजल खान ने कहा था कि सेना प्रमुख को केवल राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी में ही अर्थव्यवस्था पर प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए न कि सार्वजनिक रूप से. इसके दो दिन बाद अब्बासी की प्रतिक्रिया आई है.  

बता दें कि जनरल बाजवा ने एक असाधारण कदम के तहत पाकिस्तान के ‘‘आसमान छूते कर्ज ’’ पर चिंता व्यक्त की थी और कर आधार बढ़ाने का आहवान किया था और कर्ज के बोझ को कम करने के लिए वित्तीय अनुशासन लाए जाने का आह्नवान किया था. सेना प्रमुख ने कहा कि आर्थिक स्थिरता पाकिस्तान की सुरक्षा चिंताओं के साथ गहराई से जुड़ी है. 

सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल गफूर ने पिछले सप्ताह एक टीवी चैनल से कहा था कि ‘‘अगर अर्थव्यवस्था खराब नहीं है, तो यह अच्छी भी नहीं है.’’ गृह मंत्री एहसान ने सेना प्रवक्ता की सलाह पर तत्काल जवाब देते हुए कहा,‘‘ अर्थव्यवस्था पर प्रतिक्रिया करने से बचे क्योंकि गैर जिम्मेदारना बयान पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित कर सकते है.’’ 

एहसान की प्रतिक्रिया से ‘‘निराश’’ मेजर जनरल गफूर ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान सेना की ओर से सैन्य प्रवक्ता के रूप में यह बात कही थीं. गफूर ने कहा,‘‘ पाकिस्तानी सेना की ओर से लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है लेकिन उसकी (लोकतंत्र की) जरूरतों को पूरा नहीं किया गया तो लोकतंत्र को खतरा हो सकता है.’’

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