China-Taiwan Conflict: पूरी दुनिया जो बाइडेन और शी जिनपिंग की आमने-सामने की मुलाकात का इंतजार कर रही थी. दोनों नेताओं ने इंडोशेनिया के बाली में जी20 समिट से इतर दोनों नेताओं ने मुलाकात की. शी और बाइडेन ने यूक्रेन युद्ध, नॉर्थ कोरिया तनाव और सहयोग इत्यादि पर चर्चा की.
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US-China Relations: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को कहा कि चीन का निकट भविष्य में ताइवान पर हमला करने का कोई प्लान नहीं है. अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद जो बाइडेन का यह बयान सामने आया है. पूरी दुनिया जो बाइडेन और शी जिनपिंग की आमने-सामने की मुलाकात का इंतजार कर रही थी. दोनों नेताओं ने इंडोशेनिया के बाली में जी20 समिट से इतर दोनों नेताओं ने मुलाकात की. शी और बाइडेन ने यूक्रेन युद्ध, नॉर्थ कोरिया तनाव और सहयोग इत्यादि पर चर्चा की.
'जो कहा वो शी समझ गए'
मीटिंग के बाद बाइडेन ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में चीन का ताइवान पर हमला करने का कोई इरादा है. मैंने यह साफ कर दिया है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों को सुलझते देखना चाहते हैं.' बाइडेन ने कहा, 'मैं संतुष्ट हूं कि मैंने जो कहा वो शी समझ गए. उन्होंने जो कहा वो मैं समझ गया.' तनाव उस वक्त काफी बढ़ गया था, जब यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने अगस्त में ताइवान का दौरा किया था. ताइवान पर चीन अपना दावा बताता है. नैंसी के इस दौरे के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. चीन ने बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास भी किया था.
नैंसी पेलोसी के बाद कई अन्य अमेरिकी राजनयिकों ने ताइवान का दौरा किया था, जिस पर चीन और बौखला गया था. चीन ने दावा किया था कि अगर जरूरत पड़ी तो दोनों को मिलाने के लिए बल का इस्तेमाल करना पड़ेगा. चीन ने कहा है कि ताइवान के प्रति उसका नजरिया नहीं बदला है. हालिया कार्रवाई दिखाती हैं और कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि चीन ताइवान के साथ बड़े पैमाने पर संघर्ष में शामिल हो सकता है. हाल ही में संपन्न हुई अपनी कांग्रेस में, कम्युनिस्ट पार्टी ने पहली बार ताइवान की स्वतंत्रता के विरोध को अपने संविधान में शामिल किया है.
दुनिया की हम पर नजर: शी
वहीं, शी ने कहा कि दुनिया उनके और राष्ट्रपति बाइडन के बीच हो रही बैठक पर ध्यान दे रही है. शी ने कहा, “दुनिया को उम्मीद है कि चीन और अमेरिका रिश्ते को ठीक से संभाल लेंगे. हमारी बैठक ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है, इसलिए हमें विश्व शांति के लिए और अधिक आशा लाने के लिए, वैश्विक स्थिरता के लिए अधिक विश्वास लाने और सबके विकास के लिए मजबूत प्रोत्साहन लाने के वास्ते सभी देशों के साथ काम करने की जरूरत है.”
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