Israel: सबसे बड़ा प्रदर्शन, श्रमिक संघ, छात्र, राजनयिक भी हड़ताल में शामिल, क्या झुकेंगे पीएम नेतन्याहू?
Advertisement

Israel: सबसे बड़ा प्रदर्शन, श्रमिक संघ, छात्र, राजनयिक भी हड़ताल में शामिल, क्या झुकेंगे पीएम नेतन्याहू?

Israel Protests: इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नेतन्याहू से न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना को तत्काल रोकने का अनुरोध किया .इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना ने देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज को खतरे में डाल दिया है.

Israel: सबसे बड़ा प्रदर्शन, श्रमिक संघ, छात्र, राजनयिक भी हड़ताल में शामिल, क्या झुकेंगे पीएम नेतन्याहू?

Israel News: न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना के खिलाफ देशभर से लोग यरूशलम में एकत्रित हो रहे हैं और विभिन्न श्रमिक संगठन भी इसके विरोध में सड़क पर उतरने लगे हैं.  व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को जनता से ‘‘जिम्मेदाराना व्यवहार करने और हिंसा से दूर’’ रहने की अपील की.

इस बीच, इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने सोमवार को प्रधानमंत्री नेतन्याहू से न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की विवादित योजना को तत्काल रोकने का अनुरोध किया .इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना ने देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज को खतरे में डाल दिया है.

रक्षा मंत्री को किया गया बर्खास्त
राष्ट्रपति ने यह अपील तब की है जब एक दिन पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस योजना का विरोध करने के लिए अपने रक्षा मंत्री को बर्खास्त कर दिया जिसके विरोध में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे.

मंत्री को बर्खास्त करने के बाद व्यापक प्रदर्शन के आलोक में नेतन्याहू ने अपने पहले सार्वजनिक बयान में कहा, ‘जिम्मेदाराना व्यवहार करें और हिंसा से दूर रहें.’

नेतन्याहू ने एक ट्वीट कर सरकार की योजना के विरोधियों और समर्थकों के बीच आज शाम हिंसक झड़पों की आशंका का संकेत दिया है. नेतन्याहू ने अपने ट्वीट में जोर देकर कहा, ‘हम सभी भाई-बहन हैं.’

पीएम रोक सकते हैं विवादित योजना
लिकुड पार्टी के सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री विवादित योजना को रोक सकते हैं.

उधर, राष्ट्रपति हरजोग ने सरकार से देश की खातिर राजनीतिक मतभेदों को दूर रखने का भी आह्वान किया. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘गत रात हमने बहुत मुश्किल हालात देखे. मैं प्रधानमंत्री, सरकार के सदस्यों और गठबंधन के सदस्यों से अपील करता हूं कि भावनाएं आहत हैं. पूरा देश गहरी चिंता में डूबा हुआ है. हमारी सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, समाज- सभी खतरे में हैं.’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘इजराइल के लोगों की एकता की खातिर, आवश्यक जिम्मेदारी की खातिर, मैं आपसे विधायी प्रक्रिया तत्काल रोकने का अनुरोध करता हूं.’ उन्होंने सत्ता में बैठे सभी नेताओं से देश के नागरिकों को सर्वोपरि रखने का आग्रह किया.

रविवार रात को सड़कों पर उतर आए हजारों प्रदर्शनकारी
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव की उनकी योजना को चुनौती देने वाले रक्षा मंत्री योआव गैलेन्ट को बर्खास्त कर दिया जिसके विरोध में हजारों प्रदर्शनकारी रविवार रात को सड़कों पर उतर आए.

गैलेन्ट ने शनिवार शाम को कहा था कि न्यायपालिका में बदलाव से ‘देश की सुरक्षा को खतरा’ है. गैलेन्ट द्वारा टेलीविजन पर दिए भाषण से नाराज प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार शाम को एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 26 मार्च 2023 को रक्षा मंत्री योआव गैलेन्ट को बर्खास्त करने का फैसला किया है.’

नेतन्याहू के निजी आवास के बाहर पुलिस प्रदर्शनकारियों की झड़प
इस घोषणा के बाद अभूतपूर्व आक्रोश जताते हुए देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. तेल अवीव में प्रदर्शनकारियों ने एक मुख्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया जबकि यरुशलम में नेतन्याहू के निजी आवास के बाहर एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झड़प हुई.

न्यायपालिका में बदलाव की सरकार की योजना का न केवल देश में विरोध किया गया बल्कि नेतन्याहू की इटली, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा के दौरान भी यहूदी प्रवासी समुदाय के हजारों लोगों ने इसका विरोध किया था.

इन प्रदर्शनों ने कारोबारी नेताओं, पूर्व सुरक्षा प्रमुखों तथा इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका को भी चिंतित कर दिया है.

विभिन्न संगठनों ने की हड़तालों की घोषणा  
इजराइल के सबसे बड़े श्रमिक संघ हिस्ताद्रुत के प्रमुख अर्नोन बार-डेविड ने सरकार की विवादित योजना को रोकने कोशिश में सोमवार को ‘ऐतिहासिक’ हड़ताल की घोषणा की.

इजराइल के ‘द टाइम्स’ अखबार ने बार-डेविड के हवाले से कहा, ‘हम इजराइल के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. हम देश का और ध्रुवीकरण होने नहीं दे सकते.’ बार-डेविड ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नेतन्याहू न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव को रोकने की घोषणा नहीं करते तो सोमवार से ही हड़ताल शुरू होगी.

तेल अवीव में इजराइल के मुख्य हवाई अड्डे बेन गुरियन एअरपोर्ट ने ‘ऐतिहासिक श्रम हड़ताल’ की घोषणा के कुछ देर बाद ही वहां से विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया. उच्च और माध्यमिक स्कूल छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रही ‘नेशनल स्टूडेंट एंड यूथ काउंसिल’ ने सोमवार सुबह से देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की. वहीं, विवादित योजना के खिलाफ विदेश में विभिन्न इजराइली मिशन में तैनात राजनयिकों ने हड़ताल शुरू कर दी है.

इजराइल के सबसे बड़े श्रमिक संघ ‘हिस्ताद्रुत’ के प्रवक्ता यानिव लेवी ने कहा कि विभिन्न मिशन में केवल आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने दावा किया कि राजदूत और महावाणिज्यदूत भी हड़ताल में शामिल हैं. प्रदर्शन तेज होने पर सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के कुछ नेताओं ने समझौता करने की इच्छा जतायी है.

नेतन्याहू के विश्वासपात्र एवं संस्कृति मंत्री मिकी जोहर ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री न्यायपालिका में आमूल-चूल बदलाव का प्रस्ताव रोकना चाहते हैं तो पार्टी उनका समर्थन करेगी.

क्या है सरकार की विवादित योजना
दरअसल, नेतन्याहू की सरकार इस सप्ताह ऐसे विधेयक पर संसद में मतदान कराने की योजना बना रही है जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन को न्यायिक नियुक्तियों पर अंतिम मुहर लगाने की शक्ति मिल जाएगी.

इसमें ऐसे कानून पारित करने का भी प्रावधान है जिससे संसद को आम बहुमत के साथ उच्चतम न्यायालय के फैसलों को पलटने तथा कानूनों की न्यायिक समीक्षा सीमित करने का अधिकार मिल जाएगा.

नेतन्याहू तथा उनके सहयोगियों का तर्क है कि इस योजना से न्यायिक तथा कार्यकारी शाखाओं के बीच संतुलन बहाल होगा. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह कानून इजराइल की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संतुलन बिगाड़ देगा और सत्तारूढ़ गठबंधन के हाथ में शक्तियां सौंप देगा. उनका यह भी कहना है कि यह कानून भ्रष्टाचार के मुकदमे का सामना कर रहे नेतन्याहू के लिए हितों का टकराव भी है.

(इनपुट – भाषा)

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.comसबसे पहलेसबसे आगे

Trending news