इस देश के सुप्रीम लीडर की बाइडेन को नसीहत- 'पिछली गलतियों की भरपाई करने का मौका'
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इस देश के सुप्रीम लीडर की बाइडेन को नसीहत- 'पिछली गलतियों की भरपाई करने का मौका'

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान अमेरिका और ईरान के बीच तनाव इस साल की शुरुआत में चरम पर पहुंच गया था. ट्रंप की मंजूरी के बाद 2018 में अमेरिका ईरान के परमाणु समझौते से एकतरफा अलग हो गया था और उसने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुए तेहरान के यूरेनियम के संवर्धन को सीमित कर दिया था.

अली खामेनेई (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: अमेरिकी मीडिया द्वारा जो बाइडेन (Joe Biden) के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित होने की जानकारी साझा करने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई (Ali Khamenei) ने रविवार को अमेरिका को नसीहत दी है. अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर बयान जारी करते हुए अली खामेनेई ने कहा, 'अब भविष्य के अमेरिकी प्रशासन के पास अपनी पिछली गलतियों की भरपाई करने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करने के रास्ते पर लौटने का अवसर है.'

  1. ईरान के सुप्रीम लीडर का बड़ा बयान
  2. अमेरिका के नए निजाम को नसीहत
  3. 'गलतियों की भरपाई करने का मौका'
  4.  

तनाव कम करने का इरादा?
दरअसल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान अमेरिका और ईरान के बीच तनाव इस साल की शुरुआत में चरम पर था. ट्रंप की मंजूरी के बाद 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु समझौते से एकतरफा अलग होने का ऐलान किया था. इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुए तेहरान के यूरेनियम के संवर्धन को भी सीमित कर दिया था. जानकारों के मुताबिक अमेरिका में नए निजाम के आने की खबर के बाद ईरान की तरफ से आया ये बयान भविष्य की कुछ संभावनाओं के संकेत भी दे रहा है. 

'नाकाम रही अधिकतम दबाव की नीति'
रूहानी ने कहा, 'पिछले तीन वर्षों से अमेरिका के प्रशासन की हानिकारक और गलत नीति की न केवल दुनिया भर के लोगों ने निंदा की है, बल्कि हालिया चुनाव में अमेरिका के लोगों ने भी इसका विरोध किया है.' उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा शुरू किए गए आर्थिक युद्ध के खिलाफ ईरानी लोगों के साहसिक प्रतिरोध ने साबित कर दिया कि अमेरिका की अधिकतम दबाव बनाने की नीति विफल रही. 

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बाइडेन ने कहा- विश्‍वसनीय रास्‍ता चुनेंगे 
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी चुनाव परिणाम का तेहरान की वाशिंगटन को लेकर नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 

वहीं बाइडेन अपने अभियान के दौरान कह चुके हैं कि वह ईरान के साथ कूटनीति पर लौटने के लिए विश्वसनीय रास्ता अपनाने की योजना बना रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने 2015 के परमाणु समझौते पर लौटने की संभावना भी जताई, जब वे तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के कार्याकाल में उप-राष्‍ट्रपति थे. 

इससे पहले प्रमुख अमेरिकी समाचार नेटवर्क ने जीत को तय करने के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों के आंकड़ों को पार करते ही बाइडेन को 3 नवंबर के चुनावों का विजेता घोषित कर दिया था. बाइडेन के जीत की खबर आते ही वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर और पूरे अमेरिका के प्रमुख शहरों में जश्न शुरू हो गया था. 

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