लाहौर हाई कोर्ट ने ट्रिब्यूनल कोर्ट का फैसला रद्द करके अब्बासी के चुनाव लड़ने पर लगाई मुहर
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लाहौर हाई कोर्ट ने ट्रिब्यूनल कोर्ट का फैसला रद्द करके अब्बासी के चुनाव लड़ने पर लगाई मुहर

अब्बासी ने याचिका दायर कर कहा था कि न्यायाधिकरण ने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है.

ट्रिब्यूनल कोर्ट ने तथ्यों को छिपाने के कारण शाहिद खाकान अब्बासी के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी.

लाहौर : लाहौर हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक अपीलीय न्यायाधिकरण के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को जीवनभर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया गया था और आगामी आम चुनाव में उन्हें उनके मूल चुनाव क्षेत्र रावलपिंडी-1 से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पंजाब चुनाव अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को रद्द करते हुए अब्बासी को 25 जुलाई को मरी से चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी.

न्यायाधिकरण ने तथ्यों को छिपाने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था. इसने याचिकाकर्ता मसूद अहमद अब्बासी के तर्क को स्वीकार किया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता ने नामांकन प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन किया है. हाई कोर्ट ने हालांकि इस आदेश को रद्द कर दिया है.

अब्बासी ने याचिका दायर कर कहा था कि न्यायाधिकरण ने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है. उन्होंने कहा था कि न्यायाधिकरण नामांकन के दस्तावेज या स्वीकार कर सकता है या निरस्त कर सकता है और उसके पास उम्मीदवार को जीवनभर के लिए अयोग्य करने का अधिकार नहीं है.

बुधवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अब्बासी को न्यायपालिका के खिलाफ ऐसी टिप्पणी नही करने की चेतावनी दी जिससे व्यवस्था को नुकसान पहुंचता हो. कोर्ट ने 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' के प्रवक्ता फवाद चौधरी को भी झेलम के एनए-67 चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है.

(इनपुट आईएएनएस से)

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