Why Countries Are Banning AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पूरी दुनिया में तेजी से अपनी पैठ बढ़ाई है लेकिन एआई के पितामह कहे जाने वाले ज्यॉफ्रे हिंटन (Geoffrey Hinton) ने इसे मानव जाति के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया है.
Trending Photos
Google releases AI tool: डिजिटल दुनिया से जुड़े ज्यादातर कामों में आज एआई (AI) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ने लगा है. शिक्षा से लेकर कांटेक्ट तक सभी जगहों पर एआई (AI) का इस्तेमाल हो रहा है. कई विकसित देशों ने इसके दुष्प्रभाव को पहले ही भांप लिया और इस पर कई क्षेत्रों में बैन लगा दिया है. एआई पर बैन लगाने वालों में न्यूयॉर्क का एजुकेशन डिपार्टमेंट भी शामिल है. एआई के पितामह कहे जाने वाले हिंटन ने काफी समय पहले ही इसके दुष्प्रभाव को बता दिया था. उनका मानना है कि एआई का बढ़ता प्रयोग मानव जाति और मानवता के लिए खतरा पैदा करेगा. इससे लाखों नौकरियां खत्म हो जाएंगी.
कौन हैं ज्यॉफ्रे हिंटन?
कई लोगों को लगता है कि एआई अभी नई-नई विकसित की हुई टेक्नोलोजी है लेकिन आपको बता दें कि हिंटन साल 1972 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहे हैं. डॉ ज्याफ्रे हिंटन एआई पर टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि जिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को दुनिया वरदान मान रही है, वो आगे चलकर अभिशाप बन जाएगी. AI आगे चलकर गलत सूचनाओं के प्रसार का कारण बनेगी जिसे रोक पाना संभव नहीं होगा. एआई के विस्तार को लेकर हिंटन खुद को दोषी भी मानते हैं लेकिन वह कहते हैं कि इसका अविष्कार वह नहीं करते, तब कोई और करता. उन्होंने आगे कहा कि अगर कंपनियां एक-दूसरे से होड़ के चक्कर में एआई को डिवेलप करते रहीं तो आगे चलकर दिक्कतें और बढ़ जाएंगी. इसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
1972 से कर रहें काम
यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि ज्यॉफ्रे हिंटन साल 1972 से इस तकनीकी पर काम कर रहे हैं और साल 2012 में अपने 2 छात्रों के साथ मिलकर हिंटन ने इस खोज को अंजाम दिया था. ज्यॉफ्रे हिंटन एआई के दुष्प्रभाव पर कहते हैं कि कोई भी कंपनी इसके खतरे को रोकने की दिशा में काम नहीं कर रही है, बल्कि एक-दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में तेजी से कंपनियां नए एआई उत्पाद बनाने की दिशा में काम कर रहीं हैं.