Brain पर बुरा असर डालता है Coronavirus, खत्म हो जाती है इंसान की ये ताकत
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Brain पर बुरा असर डालता है Coronavirus, खत्म हो जाती है इंसान की ये ताकत

Coronavirus Impact on humans in 2021: कोरोना के मरीजों को लंबे समय तक लॉन्ग कोविड के लक्षणों से जूझना पड़ता है. हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 5 से 24 फीसदी लोगों में में 3-4 महीने बाद तक इसके लक्षण बने रहते हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना का कहर अभी थमा नहीं है. कई देशों में कोरोना की अलग-अलग लहर (Corona Waves) चल रही हैं. इसलिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. इस बीच पोस्ट कोविड लक्षणों (Post Covid Symptoms) पर हुए हालिया शोध को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट आई है. जिसके मुताबिक Covid-19 के संक्रमण को हराकर ठीक हुए लोगों को सोचने और ध्यान देने में परेशानी जैसी दिक्कतों का शिकार होना पड़ रहा है. वहीं कई लोगों में मेमोरी लॉस के लक्षण भी देखने को मिले.

  1. कोरोना वायरस का कहर जारी
  2. दिमागी कमजोरी की शिकायत
  3. दुनिया में सामने आए कई केस

'दिमाग को खराब कर रहा कोरोना'                                                                               

संक्रमण को हराकर ठीक हुए लोगों को सोचने और ध्यान देने में परेशानी होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के गंभीर लक्षणों से प्रभावित रहे लोग ऑनलाइन एक्जाम की सीरीज में कम नंबर हासिल कर सके इससे उनके प्रदर्शन और मुश्किलों यानी मुसीबतों का हल निकालने की क्षमता पर सबसे बुरा असर पड़ा.

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'खत्म हो रही पहचान करने की ताकत'

EClinicalMedicine पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों को वेंटिलेटर पर रखा गया, उनमें चीजों को पहचानने की क्षमता सबसे अधिक प्रभावित हुई. शोध के ऑथर के मुताबिक, 'स्टडी में कई पहलुओं की पड़ताल हुई. इस दौरान पता चला कि कोरोना मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है. विभिन्न पहलुओं को देखते हुए ये संकेत मिलता है कि मस्तिष्क पर कोविड-19 के कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव होते हैं जिसमें अभी और शोध की जरूरत है.’

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(प्रतीकात्मक तस्वीर) 

'कई देशों में जारी है रिसर्च'

दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी पर लगातार शोध जारी है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेज होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि संक्रमण की अगली लहर शायद उतना हाहाकार न मचा सके जैसा त्राहिमाम अप्रैल और मई के महीने में मचा था.

वैज्ञानिक हाल के दिनों में सामने आई एक नयी स्थिति ‘लंबे कोविड’ को लेकर बेहद चिंतित हैं. मरीजों को लंबे समय तक इस बीमारी के लक्षणों से जूझना पड़ता है. रिसर्च से पता चलता है कि कम से कम 5 से 24% लोगों में तीन से चार महीने बाद तक कोरोना के लक्षण बने रहते हैं. लंबे कोविड के जोखिम को अब उम्र या कोविड की बीमारी की प्रारंभिक गंभीरता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ नहीं माना जाता है.

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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