समर्थन जुटाने की कोशिश में जुटा चीन पड़ा अलग-थलग, विदेश मंत्री को यूरोप यात्रा पर भेजा
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समर्थन जुटाने की कोशिश में जुटा चीन पड़ा अलग-थलग, विदेश मंत्री को यूरोप यात्रा पर भेजा

कोरोना (CoronaVirus) महामारी के चलते चीन (China) अलग-थलग पड़ गया है. भारत और अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देश उसके खिलाफ खड़े हैं. ऐसे में समर्थन जुटाने और आर्थिक मोर्चे पर होने वाले नुकसान को कम करने के लिए चीन फिर ‘भाई-भाई’ वाली रणनीति पर लौट आया है.

चीनी विदेश मंत्री वांग यी. फोटो: AFP

बीजिंग: कोरोना (Coronavirus) महामारी के चलते चीन (China) अलग-थलग पड़ गया है. भारत और अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देश उसके खिलाफ खड़े हैं. ऐसे में समर्थन जुटाने और आर्थिक मोर्चे पर होने वाले नुकसान को कम करने के लिए चीन फिर ‘भाई-भाई’ वाली रणनीति पर लौट आया है. इसी के तहत बीजिंग ने अपने विदेशमंत्री को यूरोप यात्रा पर भेजा है.

  1. विदेश मंत्री वांग यी यूरोपीय देशों की नाराजगी दूर करने के मिशन पर हैं
  2. कोरोना महामारी को लेकर चीन के खिलाफ हैं दुनिया के कई देश
  3. यूरोपीय संघ भी चीन के खिलाफ खोल चुका है मोर्चा

विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) यूरोपीय देशों की नाराजगी दूर करने के मिशन पर हैं. यूरोप भी कोरोना से जूझ रहा है, साथ ही चीन की कूटनीतिक चालों एवं बीजिंग प्रायोजित फर्जी खबरों ने भी उसकी परेशानी बढ़ाई है. मार्च में चीन के सरकारी अधिकारी द्वारा एक वीडियो शेयर किये गया था, जिसमें इटली के लोगों को अपनी बालकनियों में खड़े होकर ‘ग्रैजी चीना’ या धन्यवाद चीन गाते दिखाया गया था. हालांकि बाद में यह वीडियो फर्जी निकला.

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दरअसल, यह वीडियो चीनी सरकार का प्रोपेगेंडा था, ताकि दुनिया को यह बताया जा सके कि चीन इटली को चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करा रहा है और इटलीवासी इससे बेहद खुश हैं. लेकिन चीन यह दांव उल्टा पड़ गया. यूरोपीय संघ (EU) में उसके खिलाफ नाराजगी बढ़ी और वह खुलकर चीन के खिलाफ आ गया.  EU ने अपनी भ्रामक जानकारी संबंधी रिपोर्ट में चीन का नाम शामिल किया. जून में EU की तरफ से कहा गया कि चीन कोरोना महामारी को लेकर बड़े पैमाने पर भ्रामक एवं गलत जानकारी फैला रहा है. 

चीन ने धमकी भरे अंदाज में यूरोपीय यूनियन को समझने का प्रयास किया, मगर असफल रहा. इसलिए अब चीनी विदेशमंत्री उसी ‘भाई’भाई’ की नीति के तहत यूरोप यात्रा पर रवाना हुए हैं, जिसके सहारे वह भारत की पीठ में छुरा घोंपता रहा है. वांग यी एक सप्ताह में पांच देशों का दौरा करेंगे. वह यूरोपीय राजनीति के हर प्रमुख हितधारक के साथ बैठकें करेंगे.

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तेजी से बदल रहा माहौल
चीन यूरोप में तेजी से पकड़ खो रहा है और वांग यी का काम उस पकड़ को फिर से मजबूत करना है. वांग का पहला पड़ाव इटली था. पहले दिन उन्होंने दोस्ताना रुख अपनाया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि चीन कोल्ड वॉर नहीं चाहता. बीजिंग ब्रसेल्स में दोस्तों को खोता नजर आ रहा है. यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसप बोरेल ने चीन के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने का आह्वान किया है. यूरोपीय संघ की वेबसाइट पर अपने ब्लॉग में बोरेल ने चीन को आक्रामक और मुखर बताया है. साथ ही लद्दाख हिंसा का भी जिक्र किया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन को लेकर माहौल तेजी से बदल रहा है.

दोषपूर्ण आपूर्ति का भी आरोप
कोरोना वायरस के जनक कहे जाने वाले चीन पर दोषपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति का भी आरोप है. स्पेन, नीदरलैंड और चेक गणराज्य ने इसकी शिकायत की है. जायज है इसका असर चीन से उनके रिश्तों पर भी पड़ेगा. कोरोना महामारी के बाद से यह चीनी विदेशमंत्री की पहली विदेश यात्रा है और इसका मकसद यूरोपीय देशों में बीजिंग के खिलाफ बढ़ती नफरत को कम करना है.

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