ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन ने दी चेतावनी, बोले- यूरोपीय संघ से निकलना बड़ी गलती होगी
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ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन ने दी चेतावनी, बोले- यूरोपीय संघ से निकलना बड़ी गलती होगी

प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने 23 जून के जनमत संग्रह से पहले रविवार को चेतावनी दी कि यदि ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से निकलने का विकल्प चुनता है तो यह एक बड़ी गलती होगी और इससे जो अनिश्चितता बनेगी, वह एक दशक तक कायम रह सकती है। ‘संडे टेलीग्राफ’ के लिए लिखे एक आलेख में कैमरन ने जनमत संग्रह को ब्रिटेन के लिए अस्तित्व से जुड़ा विकल्प बताया।

फाइल फोटो

लंदन : प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने 23 जून के जनमत संग्रह से पहले रविवार को चेतावनी दी कि यदि ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से निकलने का विकल्प चुनता है तो यह एक बड़ी गलती होगी और इससे जो अनिश्चितता बनेगी, वह एक दशक तक कायम रह सकती है। ‘संडे टेलीग्राफ’ के लिए लिखे एक आलेख में कैमरन ने जनमत संग्रह को ब्रिटेन के लिए अस्तित्व से जुड़ा विकल्प बताया।

उन्होंने लिखा है, 'हम गुरुवार को अस्तित्व से जुड़े विकल्प का सामना करेंगे। इस देश को एक बड़ा फैसला करना है और काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। यह बहुत ही सामान्य समझ है कि यदि हम बाहर निकल गए तो व्यापार को नुकसान होगा और ब्रिटेन में निवेश पर असर पड़ेगा क्योंकि ब्रिटेन से ईयू तक कारोबारों की उसी तरह पहुंच सक्षम नहीं होगी। हमारी अर्थव्यवस्था छोटी हो जाएगी।' 

उन्होंने कहा, 'चीजों के दुरुस्त होने तक शायद दशकभर अनिश्चितता रहेगी। अधिक कीमतें, कम मजदूरी, युवाओं के लिए कम रोजगार और कम अवसर होंगे। हर तरह से स्थाई रूप से एक गरीब देश। हम जानबूझ कर इसके लिए वोट कैसे कर सकते हैं? मैं कहता हूं इसका जोखिम मोल मत लीजिए।' वहीं, ब्रीग्जिट 'ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने' के पक्षधर खेमे से ब्रिटेन के न्याय मंत्री माइकल गोव ने ईयू से बाहर होने पर भविष्य को लेकर भरोसा रखने की अपील की है।

उन्होंने कहा, 'लोगों को लोकतंत्र के लिए वोट करना चाहिए और ब्रिटेन को उम्मीद के लिए वोट करना चाहिए।' उन्होंने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि ईयू से निकलने के चलते मंदी आ जाएगी और कहा, 'यदि हम बाहर निकलते हैं तो आर्थिक जोखिम होंगे, यदि बने रहते हैं तो भी आर्थिक जोखिम होंगे। मेरी दलील है कि भविष्य में जो कुछ होगा, एक स्वतंत्र ब्रिटेन उनसे निपटने में बेहतर रूप से सक्षम होगा।' महिला लेबर सांसद जो कोक्स की हत्या के बाद निलंबित जनमत संग्रह के लिये प्रचार रविवार को फिर से शुरू हुआ। वहीं, जनमत संग्रह में मात्र चार दिन रह गए हैं।

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