अमेरिका में 122 साल बाद बना लिंचिंग के खिलाफ कानून, भावुक कर देगी Anti-Lynching Act की ये कहानी
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अमेरिका में 122 साल बाद बना लिंचिंग के खिलाफ कानून, भावुक कर देगी Anti-Lynching Act की ये कहानी

Emmett Till Anti-Lynching Act: अमेरिका (US) में एंटी लिंचिंग कानून लागू हो गया है. इस मामले में एक ओर खुफिया एजेंसी FBI ने लिंचिंग के एक मामले की जांच की वहीं दूसरी तरफ संसद में करीब 200 बार हुई कोशिशों और 122 साल के इंतजार के बाद ये कानून अस्तित्व में आ सका.

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: अमेरिका (US) में 122 साल और करीब 200 कोशिशों के बाद आखिरकार लिंचिंग (Lynching) के खिलाफ कानून बन गया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किए लिंचिंग के खिलाफ पास हुए बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. दिलचस्प है अमेरिका के एन्टी-लिंचिंग एक्ट की पूरी कहानी, क्यों और कैसे मिला इसको  नाम आइये बताते हैं. 

  1. अमेरिका में लिचिंग के खिलाफ कानून बना
  2. 122 साल बाद रंग लाई सभी की कोशिशें
  3. भावुक कर देगी इस कानून को मिले नाम की कहानी

बिल बने कानून में ये प्रावधान

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से पास हुए लिंचिंग के खिलाफ बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के साइन के बाद लिंचिंग के खिलाफ पास हुआ बिल अब कानून बन गया है. अमेरिका में लिंचिंग के खिलाफ बने इस कानून का नाम एमेट टिल एन्टी लिंचिंग एक्ट (Emmett Till Anti-Lynching Act) रखा गया है. इस नए कानून के तहत अमेरिका में अब अगर किसी शख्स को पीट पीट कर मार डाला जाता है तो लिंचिंग के दोषी के लिए अधिकतम 30 साल की कैद का प्रावधान किया गया है.

खत्म हुआ 122 साल का इंतजार

अमेरिका में बना यह एन्टी लिंचिंग कानून अपने आप मे बेहद खास है क्योंकि 122 साल के लंबे इंतजार के बाद वहां लिंचिंग पर कानून बना है. साल 1900 में देश का पहला एन्टी-लिंचिंग बिल नार्थ कैरोलिना से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जॉर्ज हेनरी व्हाइट ने पेश किया जो उस समय इकलौते अश्वेत सांसद थे. लेकिन ये बिल कमेटी के आगे ही नहीं बढ़ पाया और गिर गया. तब से अब तक 200 बार अमेरिकी संसद में लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए बिल लाया गया लेकिन हर बार वो या तो संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (House of Representative) या फिर अपर हाउस सीनेट (Senate) में गिर गया.

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लिचिंग में मरने वाले 70% अश्वेत

अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों के लिए साल 1909 से काम करने वाली संस्था National Association for the Advancement of Colored People (NAACP) के मुताबिक वर्ष 1882 से 1968 तक अमेरिका में 4700 लोगों की लिंचिंग हुई थी जिसमे से 70% मरने वाले अश्वेत अमेरिकी थे. अमेरिका में साल 2020 में निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (House of Representative) में लिंचिंग विरोधी बिल पास हुआ था लेकिन फिर एक बार इसे उच्च सदन सीनेट से पास नही होने नही दिया गया था.

422 में से सिर्फ 3 सांसदों ने किया विरोध

आखिरकार लम्बे इंतजार के बाद 28 फरवरी 2022 को अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव से इस बिल को फिर पास करवाया गया जिसमें 422 सांसदों ने लिंचिंग विरोधी बिल के पक्ष में मतदान किया और 3 ने विरोध में वोट डाला. जिसके बाद इसी महीने की 7 तारीख को आखिरकार अमेरिकी कांग्रेस (उच्च सदन) ने सर्वसम्मति से बिल को पास कर दिया. वहीं राष्ट्रपति के साइन के बाद बिल ने कानून की शक्ल ले ली.

कैसे मिला कानून को ये नाम?

अमेरिका में 122 साल के इंतजार और 200 प्रयासों के बाद लिंचिंग विरोधी कानून के बनने की कहानी जितनी संघर्षपूर्ण और दिलचस्प है उतनी ही इस कानून के नाम की. इस लिंचिंग विरोधी कानून का नाम एमेट टिल एन्टी लिंचिंग एक्ट (Emmett Till Anti-Lynching Act) रखा गया. दरअसल 'एमेट टिल' एक 14 साल का अश्वेत अमेरिकी बच्चा था जिसकी 1955 में निर्मम हत्या कर दी गयी थी.

24 अगस्त 1955 को एमेट अपने रिश्तेदारों के घर शिकागो से मिसिसिपी घूमने आया था. उसी दौरान वो अपने रिश्तेदार के साथ नजदीक के एक किराना स्टोर में समान लेने गया था. एमेट टिल पर आरोप लगा था कि उसने वहां किराना स्टोर पर काम करने वाली श्वेत महिला कैरोलिन ब्रायंट को सीटी मारी और भाग गया. FBI (Federal Bureau of Investigation) के मुताबिक इस घटना के 4 दिन बाद 28 अगस्त 1955 को कैरोलिन ब्रायंट के पति रॉय ब्रायंट और रॉय के सौतेले भाई जे डब्लू मिलम ने 14 साल के एमेट टिल को आधी रात में उसके रिश्तेदारों के घर से किडनैप कर लिया फिर कोठरी जैसी किसी जगह पर ले जाकर उसे बुरी तरह पीटा, फिर सर पर गोली मार दी और उसके बाद उसके गले मे पंखे और नुकीले तार को बांध कर एमेट के शव को नदी में फेंक दिया. एमेट टिल की हत्या इतनी बेरहमी से हुई थी जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है.

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कोर्ट से बरी हो गए थे श्वेत आरोपी

एमेट टिल की हत्या करने वाले रॉय ब्रायंट और जे डब्लू मिलम पर हत्या का केस तो चला लेकिन इन दोनों को अमेरिकी कोर्ट ने सितंबर 1955 में रिहा कर दिया. रॉय और मिलम को रिहा करने का आदेश देने वाली जजों की ज्यूरी में सभी श्वेत जज थे. हालांकि वर्ष 1956 में अमेरिका की 'लुक मैगजीन' को दिए इंटरव्यू में दोनों रॉय और मिलम ने कुबूल किया था कि उन दोनों ने ही एमेट टिल की हत्या की थी.

खुफिया एजेंसी एफबीआई ने की थी जांच

2004 में FBI ने 49 साल बाद एमेट टिल की हत्या के मामले को फिर से खगंलना शुरू किया तो पता चला कि रॉय और मिलम दोनों की मौत हो चुकी है. हालांकि FBI ने इस बार इस एंगल से मामले की पड़ताल करनी चाही थी कि कहीं टिल की हत्या में रॉय और मिलम के अलावा कोई और शामिल तो नहीं था. हालांकि सबूत ना मिलने पर 2007 में FBI ने फाइल बंद कर दी. इसके 10 साल बाद यानी 2017 में अमेरिका के कानून मंत्रालय ने एक बार फिर से नये साक्ष्यों के आधार पर इस मामले की पड़ताल शुरू की लेकिन दिसंबर 2021 में एक बार फिर उस फाइल को बंद कर दिया गया.

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