मौत के बाद जिंदगी की तलाश: राज से पर्दा हटाने वाले को मिलेगा 7 करोड़ से ज्यादा का ईनाम
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मौत के बाद जिंदगी की तलाश: राज से पर्दा हटाने वाले को मिलेगा 7 करोड़ से ज्यादा का ईनाम

अमेरिका में एक अरबपति व्यवसाई रॉबर्ट बिगेलॉव ने मौत के बाद की जिंदगी के रहस्य खोलने के लिए बड़ी ईनामी राशि की घोषणा की है. रॉबर्ट बिगेलॉव ने इसके लिए बाकायदा एक इंस्टीट्यूट की भी स्थापना की है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

लास वेगास: अमेरिका में एक अरबपति व्यवसाई रॉबर्ट बिगेलॉव ने मौत के बाद की जिंदगी के रहस्य खोलने के लिए बड़ी ईनामी राशि की घोषणा की है. रॉबर्ट बिगेलॉव ने इसके लिए बाकायदा एक इंस्टीट्यूट की भी स्थापना की है. उन्होंने अब घोषणा की है कि अगर किसी ने सही तरीके से मौत के बाद की जिंदगी के रहस्यों पर से पर्दा हटा दिया, तो उसे 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ईनाम दिया जाएगा. भारतीय मुद्रा में ये 73,402,456 (7 करोड़, 34 लाख, 2 हजार 456) रुपए होते हैं.

  1. मौत के बाद जिंदगी की तलाश
  2. अरबपति ने की मिलियन डॉलर के ईनाम की घोषणा
  3. पिछले साल ही स्थापित कर चुके हैं इंस्टीट्यूट

पत्नी के मौत के बाद गंभीर हुए रॉबर्ट

रॉबर्ट बिगेलॉव एरोस्पेस इंडस्ट्री के जाने माने नाम हैं और वो कई व्यवसायों में निवेश कर चुके हैं. फिलहाल वो बिगेलॉव एरोस्पेस के सीईओ हैं और उनकी उम्र 75 साल है. उनकी पत्नी का पिछले साल निधन हो गया. इसके बाद उन्होंने इस बात को और गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. इसके लिए उन्होंने पिछले साल जून में Bigelow Institute for Consciousness Studies (BICS) की स्थापना की, जिसमें मौत के बाद की जिंदगी से जुड़ी खोजों पर जोर दिया जा रहा है. उनकी पत्नी 55 साल की थी और उनकी मौत हो गई थी. 

बेटे ने की थी आत्महत्या, तब से जगी जिज्ञासा

रॉबर्ट के बेटे रॉड ली ने 24 साल की उम्र में साल 1992 में आत्महत्या कर ली थी. उसके बाद उन्होंने विशेषज्ञ जॉर्ज एंडरसन से बातचीत भी की थी. एंडरसन ने कहा था कि वो उनके बेटे से बात तो नहीं कर सके, लेकिन उनके बेटे की आत्मा ठीक है और किसी तकलीफ में नहीं है. उन्होंने कहा था कि बेटे की शांति के लिए उन्हें उसे याद करना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि हम जो कुछ भी यहां करते हैं, उसका असर दूसरी तरफ भी पड़ता है. 

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खास शर्त भी करनी होगी पूरी

रॉबर्ट बिगेलॉव के इंस्टीट्यूट ने ये तय किया है कि ये अवॉर्ड उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसने कम से कम 5 साल इन विषय पर काम किया हो. और वो किसी बड़ी संस्था से जुड़ा हो, जो मृत्यु के पश्चात के जीवन पर रिसर्च करने में जुटी हैं. यही यहीं, इस प्राइज को पाने वाले को 1 अगस्त से पहले कम से कम 25 हजार शब्दों की रिपोर्ट भी देनी होगी, जिसके बाद एक पैनल जीतने वाले के नाम की घोषणा करेगा.

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