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पेरिस: फ्रांस (France) के 96 फीसदी हाई स्कूलों (High Schools) में कंडोम वेंडिंग मशीनें (Condom Vending Machines) लगाई गई हैं. सरकार का कहना है कि सुरक्षित यौन संबंधों को बढ़ावा देने और कम उम्र में होने वाले गर्भावस्था के जोखिम को कम करने के लिए ऐसा किया गया है. इन मशीनों से जरूरत अनुसार कंडोम निकाले जा सकते हैं. हाल ही में हुई एक स्टडी (Study) में यह खुलासा किया गया है. गौरतलब है कि किसी जमाने में फ्रांस एड्स (AIDS) से बुरी तरह प्रभावित था, इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सुरक्षित यौन संबंधों के लिए स्कूलों में कंडोम वेंडिंग मशीनें लगाई हैं.
फ्रांस (France) में पहली कंडोम वेंडिंग मशीन 1992 में लगाई गई थी. उस वक्त सरकार के फैसले का व्यापक विरोध हुआ था. खासकर स्कूल प्रशासन और समाज के कुछ वर्गों ने इस पर आपत्ति जताई थी. हालांकि जागरूकता अभियान का सरकार को फायदा मिला और लोगों ने इस फैसले को स्वीकार कर लिया. फ्रांस में, पिछले साल शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य से निधि प्राप्त करने वाले लगभग 96% हाई स्कूल, पब्लिक स्कूल और निजी स्कूलों में कंडोम वेंडिंग मशीन हैं.
स्टेटिस्ता (Statista) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में इले-दे-फ्रांस (Île-de-France) वह क्षेत्र था, जहां सबसे ज्यादा करीब 26 मिलियन कंडोम बेचे गए थे. इसके बाद ऑवरगने-रौन-अल्पेस में लगभग 14.6 मिलियन कंडोम बेचे गए थे. हालांकि, युवा पीढ़ी के बीच सुरक्षित यौन व्यवहार (Safe Sex Practice) को बढ़ावा देने वाला फ्रांस एकमात्र देश नहीं है. संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक स्कूलों में कंडोम बांटे गए थे.
Nearly 96% of high schools in France have condom vending machines
— UberFacts (@UberFacts) March 31, 2021
एड्स के कारणों में असुरक्षित यौन संबंध भी प्रमुख है. इसी को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर की सरकारें और गैर सरकारी संगठन जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं. यही वजह है कि पिछले एक दशक में HIV फैलने की रफ्तार धीरे हुई है. यूएन (UN) की रिपोर्ट बताती है कि भारत (India) में 2018 में 88 हजार नए मरीज मिले थे, वहीं एड्स से 69 हजार लोगों की मौत हुई है. दुनिया के कुल एड्स मरीजों में से लगभग 10% भारत में है. एक अन्य रिपोर्ट की मानें तो दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया के बाद भारत में एड्स के सबसे ज्यादा मरीज हैं.