सावन में मांस-मछली के सेवन पर क्यों होती है पाबंदी? जानें क्या कहता है विज्ञान

सावन की शुरुआत

सावन 2024 की शुरुआत सोमवार 22 जुलाई से हो चुकी है.

महादेव की आराधना

सावन में देवों के देव महादेव की आराधना का विशेष महत्व है.

मनोकामना होती है पूरी

मान्यता है कि सावन में सच्चे मन से शिवजी की आराधना करने से इंसान की सारी मनोकामना पूरी होती है.

नहीं करना चाहिए मांस मछली का सेवन

शास्त्रों की मानें, तो सावन के दौरान हमें मांस और मछली का सेवन नहीं करना चाहिए. आइए इसके पीछे के वैज्ञानिक कारणों को जानते हैं.

मानसून वाला महीना

दरअसल, सावन का महीना मानसून वाला महीना होता है. इस दौरान पूरे वातावरण में हरियाली छाई रहती है.

बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण

विज्ञान की मानें, तो मानसून के दौरान मांस और मछली में बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण का खतरा बहुत अधिक होता है.

संक्रमण से बचने के लिए

इसी तरह के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सावन के दिनों में मांस मछली खाने से मना किया जाता है.

पचाने में परेशानी

इसके अलावा मानसून में पाचन तंत्र भी आम दिनों की अपेक्षा कमजोर होता है. ऐसे में मांस और मछली को पचने में समस्या हो सकती है.

Disclaimer

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.