'डेली स्टार' की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों बच्चों में 100 दिन तक की खांसी वाली एक समस्या खतरा पैदा कर रही है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह काली खांसी का नया खोजा गया प्रकार है, जो एंटीबायोटिक उपचार और टीकाकरण दोनों के लिए प्रतिरोधी है.
विशेषज्ञों की ओर से इस बीमारी को वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बताया जा रहा है.
'डेली स्टार' के मुताबिक यूरोप, एशिया और अमेरिका में इस साल यानी 2024 में 100 दिन की खांसी के मामले सामने आए हैं. 'द मिरर' के मुताबिक UK में यह बीमारी तेजी से बढ़ी है.
आमतौर पर बोर्डेटेला पर्टुसिस या बोर्डेटेला पैरापर्टुसिस बैक्टीरिया के कारण काली खांसी हर तीन या चार साल में होती है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर में इसके बढ़ते मामलों ने आबादी के बीच इम्युनिटी को कमजोर कर दिया है, जिससे यह बीमारी खुद को वैक्सीन से बचाने मं सक्षम हो सकती है.
काली खांसी का एक नया सुपर स्ट्रेन, जिसे MR-MT28 कहा जाता है. यह ब्रिटेन में कहर बरपा रहा है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह बड़े बच्चों और टीका लगाए गए व्यक्तियों को भी प्रभावित कर सकता है. यह वायरस एज़िथ्रोमाइसिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन और एरिथ्रोमाइसिन समेत एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति भी प्रतिरोधी है.
इस बीमारी में सर्दी जैसे लक्षण कम होने के बाद भी खांसी हफ्तों तक बनी रहती है, इसके साथ जी मिचलाना या उल्टी, सांस लेने में परेशानी और पसलियों में भी दर्द हो सकता है.
अगर आपके बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.
यहां दी गई जानकारी रिसर्च पर आधारित है, लेकिन Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.