मुगल काल में हरम का बहुत ही खास महत्व होता था.
अकबर जब मुगल बादशाह बने तो उन्होंने हरम के लिए तमाम नियम-कायदे बनाए है.
रिपोर्ट के अनुसार अकबर के हरम में पुरुष को घुसने की इजाजत नहीं थी.
मुगल हरम में महिलाएं और थर्ड जेंडर रहा करते थे. इन थर्ड जेंडर को ख्वाजा सार कहा जाता था.
ख्वाजा सार हरम की सुरक्षा संभालते थे. हरम में ध्यान दिया जाता है कि कोई बाहर का शख्स हरम में दाखिल न हो.
बादशाह की सुरक्षा की वजह से मुगल हरम में बाहरी पुरुष के आने की इजाजत नहीं होती थी.
वहीं इसका दूसका कारण यह भी था कि कहीं हरम में रहने वाली महिलाएं किसी बाहरी पुरुष से संबंध न बना लें.
मुगल हरम में अगर कोई बाहरी शख्स आ जाता तो उसे मौत की सजा मिलती थी.
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