कर्नाटक के ब्राह्मण परिवार में हुआ था जन्म

1899 में कर्नाटक के एक ब्राह्मण परिवार में ऐसे बच्चे का जन्म हुआ जो आगे चलकर बड़े पदों पर आसीन होने वाला था.

बेंगलुरु से 25 किलोमीटर दूर था गांव

सीएस वेंकटाचार का जन्म बेंगलुरु से करीब 25 किलोमीटर दूर एक गांव में हुआ था.

परिवार में पहले से थी अंग्रेजी शिक्षा

वेंकटाचार के पिता और चाचा दोनों ने अंग्रेजी शिक्षा पाई हुई थी.

मद्रास यूनिवर्सिटी से किया ग्रेजुएशन

साल 1920 में वेंकटाचार ने मद्रास यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया.

1921 में दी सिविल सेवा परीक्षा

1921 में वो आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए और इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा दी.

16 सफल परीक्षार्थियों का हिस्सा थे वेंकटाचार

वेंकटाचार कुल 16 सफल परीक्षार्थियों का हिस्सा थे जिनमें 13 भारतीय और 3 यूरोपीय थे.

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रोबेशन, भारत में ज्वाइनिंग

उन्होंने नौकरी से संबंधि प्रोबेशन पीरियड कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पूरा किया और 1922 में नौकरी ज्वाइन की.

यूनाइटेड प्रोविंस में दी थी सेवाएं

शुरुआत में वेंकटाचार ने यूनाइटेड प्रोविंस में अपनी सेवाएं दी जो आज के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के रूप में जाना जाता है.

ब्रिटिश सरकार ने दिए सम्मान

इसके बाद वो ब्रिटिश शासन में कई अहम पदों पर रहे. ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कई सम्मान भी दिए.

1951 में बने थे राजस्थान के सीएम

वेंकटाचार संविधान सभा का भी हिस्सा थे. साल 1948 में जोधपुर स्टेट के दीवान और बीकानेर स्टेट के प्रधानमंत्री बनाए गए. साल 1951 में राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री हीरा लाल शास्त्री के इस्तीफ के बाद वेंकटाचार 6 जनवरी 1951 से 25 अप्रैल 1951 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे.