संजय लीला भंसाली नहीं पूरी कर पाए पिता की ये आखिरी इच्छा, आज भी दिल में है मलाल

संजय लीला भंसाली की हर फिल्म लार्जर दैन लाइफ कही जाती है. उनकी फिल्मों की भव्यता के चर्चे देश-विदेशों में खूब रहते हैं.

इन दिनों भंसाली अपनी डेब्यू वेब सीरीज 'हीरामंडी- द डायमंड बाजार' के कारण काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. ऐसे में डायरेक्टर अपनी प्रोफेशनल लाइफ से लेकर पर्सनल जिंदगी पर खुलकर बात कर रहे हैं.

हाल ही में इवेंट के दौरान भंसाली ने अपने दिवंगत पिता और निर्माता रह चुके नवीन भंसाली की आखिरी इच्छा का खुलासा किया है.

भंसाली ने कहा, 'पापा आखिरी वक्त में अपनी जड़ों में लौट जाना चाहते थे. इन उन्होंने कहे कि वह पाकिस्तानी सिंगर रेशमा का गाना 'हायो रब्बा' सुनना चाहते हैं.'

भंसाल ने आगे बताया, 'मैं तुरंत रेशमा की कैसेट लेने निकल गया, लेकिन जब तक मैं लौटा वो कोमा में जा चुके थे. मेरी मां बार-बार मुझसे कह रही थीं कि मैं गाना बजा दूं.'

संजय लीला भंसाली ने कहा, 'मैं नहीं बजा पाया, क्यों न तो वो जगह ऐसी थी और न ही वक्त ऐसा था कि मैं गाना बजा सकता. वे आखिरी वक्त में वो गाना नहीं सुन पाए.'

भंसाली का कहना है कि जिंदगी बहुत अजीब होती है. 'क्या मैं कभी भी फिल्म में वो इमोशन दिखा पाऊंगा? आप चाहकर भी जिंदगी के हर रंग पर्दे पर नहीं उतार सकते.'

भंसाली फिल्मों को लेकर कहा जाता है कि वह कहान को सिर्फ पर्दे पर ही नहीं उतारते, बल्कि निर्माण की उस प्रक्रिया को खुद जीते भी हैं.

अपने हर प्रोजेक्ट में उन्होंने हर किरदार को बहुत बारीकी और दिल से तैयार किया है. यही कारण है कि उनकी हर फिल्म दर्शकों के दिलों तक पहुंच पाती है.