शिव मंदिर में लोग भगवान शंकर की पूजा करने के बाद नंदी के कानों में मनोकामनाएं बोलते हैं.
ऐसा माना जाता है कि शिव जी अधिकतर समय तपस्या में लीन रहते हैं.
शिवजी की तपस्या में विघ्न न पड़े, इसलिए नंदी उनकी सेवा में हमेशा लगे रहते हैं.
कहा जाता है कि भगवान शंकर ने नंदी को वरदान दिया था कि जो भक्त तुम्हारे कान में अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी.
नंदी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहने के कुछ नियम है.
उनकी कानों में अपनी बातें कहने से पहले उनकी पूजा करें
वैसे तो आप मनोकामना किसी भी कान में कह सकते हैं, लेकिन बाएं कान में कहने का महत्व अधिक होता है.
मनोकामना मांगते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप बुरा करने की बात न कहें.
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