दूध पिलाने के बाद बच्चों को डकार दिलाना कितना जरूरी? इस मिथ को तोड़ती है ये रिसर्च

डकार

माता-पिता को अक्सर अपने बच्चों को दूध पिलाने के बाद डकार दिलवाने की सलाह दी जाती है.

दूध पिलाने के बाद डकार

कई लोगों का मानना है कि दूध पिलाने के बाद डकार लेना बच्चे के रोने की असुविधा को कम करने या रोकने के लिए बेहद जरूरी है.

हवा निगलना

बच्चे वयस्कों की तरह खाते समय हवा निगलते हैं. डकार लेने से यह हवा बाहर निकलती है. ऐसे में दूध पीने के बाद बच्चा रोता है तो लोग समझते हैं कि उसे डकार दिलवानी है.

रोने का कारण

हालांकि ये बात पूरी तरह से सच नहीं है. बच्चे के रोने का फंसी हुई हवा से कोई लेना-देना नहीं है. वे तब रोते हैं जब वे भूखे, ठंडे, गर्म, डरे हुए, थके हुए, अकेले या परेशान होते हैं.

स्टडी

भारत में की गई एक स्टडी में 35 नवजात शिशुओं की देखभाल करने वालों को अपने बच्चों को डकार दिलाने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

डकार दिलाना

इसके अलावा 36 नवजात शिशुओं की देखभाल करने वालों को डकार दिलाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.

रोने के लक्षण

अगले 3 महीनों के लिए माताओं और देखभाल करने वालों ने रिकॉर्ड किया कि क्या उनका बच्चा दूध पिलाने के बाद उसे वापिस उगलता है और क्या उनमें जोर से रोने के लक्षण दिखे.

दूध उगलना

इस अध्ययन में पाया गया कि डकार लेने से रोना कम नहीं हुआ और वास्तव में दूध उगलने में वृद्धि हुई.

बच्चों का रोना

रिसर्च के मुताबिक शिशुओं का बहुत अधिक रोना और मचलना सामान्य है. हर दिन 2 घंटे, लगभग पहले 6 हफ्ते का औसत है. 3 महीने की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते यह प्रतिदिन लगभग 1 घंटे तक कम हो जाता है.

सलाह

अगर आपका शिशु औसत से अधिक रो रहा है या आप चिंतित हैं कि कुछ गड़बड़ हो सकती है, तो आपको अपने डॉक्टर या बाल स्वास्थ्य नर्स को दिखाना चाहिए.

Disclaimer:

यहां दी गई जानकारी रिसर्च पर आधारित है, लेकिन Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.