ईमानदारी से जीवन जीना सिखाते हैं महात्मा बुद्ध के ये विचार, एकबार जरूर पढ़ें

घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है, जो एक प्राकृतिक सत्य है.

नफरत से नफरत कभी खत्म नहीं हो सकती. नफरत को सिर्फ प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है. यह एक प्राकृतिक सत्य है.

वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है, उसके पचास संकट हैं. वो जो किसी से प्रेम नहीं करता, उसके एक भी संकट नहीं हैं.

आपके पास जो कुछ भी है, उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए और न ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए.

किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं.

जैसे बिना आग के मोमबत्ती नहीं जल सकती है, ठीक उसी तरह बिना आध्यात्मिक ज्ञान के इंसान नहीं रह सकता है.

स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है.

बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है, बस पीड़ा की एक स्थिति है- मौत की छवि है.

अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं करते जो आपके पास है, तो फिर आपको खुशी कभी नहीं मिलेगी.

जो व्यक्ति सिर्फ बोलता रहता है वह ज्ञानी नहीं कहलाता बल्कि जो व्यक्ति शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है वास्तव में वही ज्ञानी है.