सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही साधु-संतों को सम्मान मिलता आया है. उन्हें बहुत ही आदर की दृष्टि से देखा जाता है. वे लोग भगवा रंग के वस्त्र पहनते हैं. जिसकी वजह बहुत ही दिलचस्प है.
तो चलिए जानते हैं साधु-सन्यासी भगवा रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं?
सूरज की रोशनी में केसरिया और भगवा रंग होता है. ऐसे में भगवा रंग जीवन में प्रकाश का सूचक माना जाता है.
आपने नोटिस किया होगा कि जब फल पक जाता है, तो वह नारंगी हो जाता है. ये परिपक्वता और समझदारी का प्रतीक माना गया है.
नारंगी या भगवा रंग का संबंध चक्र से भी माना जाता है.
इंसान के शरीर में चक्र होते हैं. हर चक्र का अपना रंग होता है.
आज्ञा चक्र का संबंध होता है कि आपको ज्ञान प्राप्त है. ऐसे में इस चक्र का रंग भगवा या केसरिया होता है.
जो लोग आध्यात्मिक होते हैं और ज्ञान-प्राप्ति की तरफ बढ़ रहे होते हैं. इसके अलावा जो उच्चतम चक्र तक जाना चाहते हैं. ऐसे लोग भगवा कलर के कपड़े पहनते हैं.