ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक योग का विशेष महत्व है. किसी भी शुभ कार्य से पहले शुभ मुहूर्त या शुभ योग देखा जाता है.

Dec 05, 2024

सभी शुभ योगों में सर्वार्थसिद्धि योग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वार और नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होता है.

यह शुभ योग विशेष वारों पर पड़ने वाले खास नक्षत्रों के योग से बनता है.

अगर सोमवार को रोहिणी, पुष्य, अनुराधा, श्रवण और मृगशिरा नक्षत्र हो तो इस यह योग अधिक फलदायी हो जाता है.

सर्वार्थसिद्धि योग तब बनता है जब सोमवार को रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा और श्रवण नक्षत्र का संयोग बने.

सर्वार्थ सिद्धि योग अगर द्वितीया या एकादशी तिथि के दिन बने तो यह शुभ नहीं माना जाता है.

अगर मंगलवार या शनिवार को सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बने तो इस शुभ योग में लोहा नहीं खरीदना चाहिए.

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