कैकेयी द्वारा वनवास मिलने के बाद श्री राम ने माता कौशल्या से क्या कहा था?

Zee News Desk
Dec 06, 2024

भारतीय धर्मग्रंथों की छोटी-छोटी कहानियां और बातें जीवन को एक नया मार्ग दिखाती हैं. ये कहानियां व्यक्ति के सुंदर चरित्र का निर्माण करती हैं.

रानी कैकेयी ने राजा दशरथ से भरत को राज सिंहासन और राम को वनवास भेजने का वरदान मांगा था. जिससे श्री राम को 14 वर्ष वनवास की आज्ञा मिली.

वनवास की खबर से अंजान माता कौशल्या श्री राम के राजा बनने की खुशी में लीन थीं.

वनवास की तैयारियों के बाद श्री राम अपनी जननी माता कौशल्या से मिलने गए.

इसी को गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा

धरम धुरीन धरम गति जानी। कहेउ मातु सन अति मृदु बानी॥ पिताँ दीन्ह मोहि कानन राजू। जहँ सब भाँति मोर बड़ काजू॥

श्री रामचंद्रजी ने कहा- हे माता! पिताजी ने मुझको वन का राज्य दिया है, जहां सब प्रकार से मेरा बड़ा काम बनने वाला है.

भरत मुझसे छोटा है इसलिए उसे अयोध्या का छोटा राजा बनाया है और मुझे वन का बड़ा राजा.

ऐसे माता कौशल्या से आज्ञा लेकर श्री राम वनवास को गए.

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