शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव का होता है. शनिदेव हर किसी को कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनि शुभ नवग्रहों में से एक है. शनि देव को सरसों का तेल बहुत पसंद है.

May 13, 2023

शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से साढ़े साती, शनि दोष या ढैय्या से मुक्ति मिलती है. शनिदेव को सरसों का तेल भगवान हनुमान के कारण चढ़ाया जाता है.

रामायण में लिखा है कि रामेश्वरम से लंका तक पुल के सुरक्षा की देखभाल की जिम्मेदारी हनुमान जी के पास थी. इस दौरान शनि देव ने हनुमान जी से युद्ध करने को कहा था.

यह भी कहा जाता है कि हनुमान जब मां सीता के लिए लंका पहुंचे तो शनि देव को कैद में देखा. हनुमान जी ने शनिदेव को छुड़ाया और लंका से बहुत दूर फेंका.

ताकि वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच जाएं. इस दौरान शनिदेव को चोट लग गई. शनिदेव का दर्द कम करने के लिए हनुमान जी ने उनके घाव पर सरसों का तेल लगाया.

शनिदेव को आराम मिला और वे बेहद खुश हुए. तब शनिदेव ने कहा कि आने वाले समय में जो भक्त मुझे सरसों का तेल चढ़ाएगा उस पर मेरी कृपा सदैव रहेगी.

शनिदेव को शनिवार के दिन तेल चढ़ाने का विशेष फल मिलता है. तेल चढ़ाते समय "ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:" मंत्र का जाप करना चाहिए.

सरसों के तेल में काला तिल और काली उड़द मिलाकर शनिदेव को चढ़ाने से हर कष्ट दूर होता है. इस उपाय से घर में सुख-शांति बनी रहती है.

शनिदेव के सामने या पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. तेल चढ़ाने से पहले उस पात्र में अपना मुख अवश्य देखना चाहिए.

शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के दीपक में थोड़े से तिल और एक सिक्का डालकर जला दें और सीधे घर चले जाएं.

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