मृत्यु जब घेरने लगती है तो कैसा लगता है, प्रेमानंद जी महाराज की बातें चौंका देंगी

Padma Shree Shubham
Jan 26, 2025

सांसारिक जीवन

सांसारिक जीवन में जिस तरह के कर्म व्यक्ति करता है उसका अंतिम समय में भी उसी आधार पर बीतता है. ऐसा हम हमेशा सुनते आए हैं.

वृंदावन के संत प्रेमानंद जी

जीवन के अंतिम समय में व्यक्ति को कैसा लगता है, इस बारे में वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज विस्तार से बताते हैं.

व्यक्ति का शरीर

प्रेमानंद जी महाराज इस बारे में कहते हैं कि 'व्यक्ति का शरीर जब पूरा होने लगता है तो उसका मन घबराता है.

अंतःकरण

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि उस व्यक्ति की इन्द्रियों के साथ ही उसका अंतःकरण में व्याकुलता छा जाती है.

अंतिम समय

प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक अगर व्यक्ति के अंतिम समय में भागवत आश्रय न हो तो जहां कहीं भी थोड़ी प्रियता होगी वो याद आएगी.

बैंक बैलेंस

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि व्यक्ति को अगर बैंक बैलेंस के प्रति प्रियता होगी तो उसे उसकी याद आएगी

पुत्र या पत्नी

अगर अंतिम समय में व्यक्ति को पुत्र या पत्नी के प्रति प्रियता होगी तो उसे उसी की याद आएगी.

प्रभु का आश्रय

प्रेमानंद महाराज ये भी कहते हैं, आपने प्रभु का आश्रय नहीं लिया, आपने जो भी अशुभ किया होगा, आपके सामने वहीं दृश्य आएगा.

परिणाम

इसका यह परिणाम होगा कि आप अगले जन्म में फिर से उसी में पहुंच जाएंगे

डिस्क्लेमर

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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