मंदिर में गणेश और लक्ष्मीi जी की मूर्ति को एक साथ रखी जाती है.
Nov 01, 2023
पौराणिक मान्यशताओं के अनुसार गणेशजी और मां लक्ष्मी की मूर्ति को मंदिर में उत्तiर दिशा में रखना चाहिए.
इस मान्यिता के पीछे भी एक पौराणिक कथा है. इसके अनुसार एक बार शिवजी ने गुस्से् में आकर गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था.
फिर जब उन्हेंा पता कि यह उनके ही पुत्र हैं तो उन्होंसने अपने दूतों को उत्तगर दिशा में भेजकर कहा कि इस दिशा में जो सबसे पहले मिल जाए उसका ही धड़ लेकर आ जाओ.
शिवजी की आज्ञा का पालन करते हुए उनके दूत ऐरावत हाथी का धड़ लेकर आए थे.
उत्तर दिशा में सबसे पहले धड़े मिलने की वजह से गणेशजी को रखने के लिए उत्ततर दिशा सबसे शुभ मानी जाती है.
कई बार ऐसा होता है कि लोग अज्ञानतावश मां लक्ष्मीवजी की मूर्ति को गणेशजी के बाईं ओर रख देते हैं.
ऐसा करने से घर की आर्थिक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. दरअसल पुरुषों के बाईं ओर उनकी पत्नीै को बैठाया जाता है.
जबकि लक्ष्मी जी गणेशजी की पत्नीत नहीं हैं इसलिए उनको गणेशजी के बाईं ओर बैठाने से आपके धन की स्थिति बिगड़ने लगती है और घर में कंगाली होने लगती है.
इसलिए याद से मां लक्ष्मीं की प्रतिमा को गणेशजी के दाईं ओर ही रखें.