गौतम बुद्ध और उनके शिष्य जब यात्रा पर निकलते थे तो किसी एक घर में अधिकतम 3 दिन ही रुकते थे. एक बार जब बुद्ध के शिष्य आनंद को वैश्या ने आमंत्रित किया तो उन्होंने इजाजत दे दी.
गौतम बुद्ध ने अपने शिष्य आनंद से कहा कि अगर वह आपको अपने घर में आमंत्रित कर रही है तो आप जरूर जाइए. बाकी शिष्य आश्चर्यचकित रह गए.
गौतम बुद्ध के बाकी शिष्य अपने गुरु के फैसले को नहीं समझ पाए तो उन्होंने पूछा ही लिया कि गुरु जी आपने ऐसा क्यों किया? इसकी वजह क्या है?
तब गौतम बुद्ध ने कहा कि आप लोग तीन दिन तक रुक जाइए, फिर आपको पता लग जाएगा कि मैंने शिष्य आनंद को वैश्या के घर जाने की इजाजत क्यों दी?
हालांकि, फिर भी गौतम बुद्ध के शिष्य वैश्या के घर की तरफ कान लगाए रहे और जानने की कोशिश करते रहे कि आनंद के व्यवहार में क्या बदलाव आ रहा है?
वैश्या के घर से पहले दिन गाने की आवाज आई. सुनाई दिया कि गौतम बुद्ध के शिष्य आनंद भी वैश्या के साथ गाना गा रहे हैं.
अगले दिन उस वैश्या के घर से नाचने की आवाज आई और मालूम हुआ कि आनंद भी वैश्या के साथ नाच रहे हैं.
तीसरे दिन वैश्या के घर में सभी ने गौतम बुद्ध के शिष्य को नाचते हुए देखा. इसके बाद बाकी शिष्यों को विश्वास हो गया कि आनंद अब आगे उनके साथ नहीं चलेगा.
लेकिन तीन दिन सबने देखा कि यात्रा के आगे चलने के समय वैश्या और शिष्य आनंद आ रहे हैं. वैश्या भी भिक्षु के वेश में है. वह यात्रा में गौतम बुद्ध और उनके शिष्यों के साथ चलने वाली है.
तब गौतम बुद्ध ने कहा कि अगर आपको खुद पर विश्वास है तो कोई भी आपको भ्रष्ट नहीं कर सकता है. अगर आपका चरित्र बलवान है तो आप भ्रष्ट चरित्र को भी चरित्रवान बनाने में सक्षम हैं.