जीवन भर मिली शर्मिंदगी

ये कहानी साउथ अफ्रीका की एक ऐसी महिला की है जिसके जिस्म की नुमाइश मरते दम तक ही नहीं बल्कि मरने के बाद 187 तक होता रहा. जीवन भर शर्मिंदगी का सामना किया.

बचपन में छूटा माता-पिता का साथ

महिला का नाम सारा बार्टमैन था. 1789 में साउथ अफ्रीका के ईस्टर्न केप में इनका जन्म हुआ था. बचपन में ही माता-पिता का निधन हो गया और ये अकेली रह गईं.

शारीरिक बनावट बनी काल

ये वही समय था जब साउथ अफ्रीका में लोगों में रंग को लेकर काफी भेदभाव किया जाता था. काली होने के साथ-साथ सारा की शारीरिक बनावट भी आम लोगों से अलग थी.

पूरे शरीर में अलग था पिछला हिस्सा

उनका पिछला हिस्सा काफी बढ़ गया था. कमर से नीचे उनका पिछला हिस्सा पूरे शरीर में अलग ही दिखता था.

अंग्रेज ने कमाए सारा से पैसे

21 सल की उम्र में उन पर एक अंग्रेज एलेक्जेंडर डनलप की नजर पड़ी. उसने सारा से पैसे कमाने की सोची और उसे लंदन ले गया. लोग उन्हें देखने के लिए दूर-दूर से आते थे.

अर्धनग्न अवस्था में करती थी परफॉर्म

सारा अंग्रेज के लिए शो में परफॉर्म करती थीं और वो इसके बदले पैसे कमाता था. एलेक्जेंडर ने सारा के लिए एक शो को तैयार किया जिसमें वो अर्धनग्न अवस्था में परफॉर्म करती थीं.

पर्सनल शो करवाने लगे थे लोग

सारा की डिमांड इतनी हो गई कि उन्हें देखने के लिए लोग घर पर बुलाने लगे और पर्सनल शो करवाने लगे. वो सारा का शारीरिक रूप से भी शोषण करते थे.

अखबारों में सारा के कार्टून छपने लगे थे

लोकप्रियता ऐसी हो गई कि अब अखबारों में सारा के कार्टून छपने लगे थे. वो मजाक का पात्र बन गई थीं. इससे वो काफी निराश रहती थीं.

फ्रांस के बिजनेसमैन के हाथों बेचा गया

जब लंदन में ऐसे कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा तो अंग्रेज एलेक्जेंडर ने सारा को फ्रांस के बिजनेसमैन के हाथों बेच दिया. वहां पर शो के दौरान ही उनका निधन हो गया.

187 साल बाद दफनाया गया

इसके बाद उनके अंगों को काटकर पेरिस म्यूजियम में रखा गया. नेल्सन मंडेला की मांग पर सारा के अवशेष अफ्रीका आए और 2002 में उन्हें दफनाया गया.

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