Good News! इस कंपनी ने नाइट शिफ्ट और ओवरटाइम पर लगाया बैन

Alkesh Kushwaha
Jul 18, 2023

जापानी लोग अपने काम में लगाए गए कई घंटों के कारण खबरों में रहे हैं.

यही वजह है कि तेजी से थक भी गए हैं और उनके पास अपने व्यक्तिगत जीवन और परिवारों के लिए मुश्किल से ही कोई समय बचता होगा.

ब्लूमबर्ग की यह रिपोर्ट मासाहिरो ओकाफूजी के बारे में बताती है, जो 2010 में इटोचू कॉर्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बने और प्रोडक्टिविटी में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, ताकि वे जापान में अपने बड़े प्रतिद्वंद्वियों की बराबरी कर सकें और उनसे आगे रह सकें.

उन्होंने रात 8 बजे के बाद ऑफिस में काम करने पर रोक लगा दी है. जरूरी मौकों को छोड़कर अब कोई ओवरटाइम नहीं होगा.

सुरक्षा गार्ड और एचआर वर्कर टोक्यो में इटोचू के ऑफिस बिल्डिंग की तलाशी लेंगे, लोगों को घर जाने के लिए कहेंगे और जो कोई भी काम करता हुआ पाया जाएगा उसे अगले दिन जल्दी आकर अपना काम पूरा करने और अतिरिक्त भुगतान पाने के लिए कहा जाएगा.

2021 में, नई कार्य नीति के कार्यान्वयन के एक दशक से अधिक समय के बाद, कंपनी ने प्रति कर्मचारी लाभ में पांच गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की.

इसके अलावा, कई महिला कर्मचारियों ने मैटरनिटी लीव लिया, बच्चे हुए और काम पर वापस आ गईं.

इटोचू के कार्यकारी उपाध्यक्ष फुमिहिको कोबायाशी कहते हैं, "हमने प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने की प्लानिंग की थी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि इसका बर्थरेट पर असर पड़ेगा."

ट्रेडिंग हाउस गिरती जन्मदर ट्रेंड को रोकने में अग्रणी के रूप में उभरा है, जिसे जापान की सरकार और दुनिया भर के अन्य लोगों ने बिना किसी सफलता के उलटने की बहुत कोशिश की है.

इटोचू ने 2010 के बाद से फुल टाइम कर्मचारियों में प्रजनन दर दोगुनी देखी, 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष में प्रति महिला कर्मचारी लगभग दो बच्चों तक पहुंच गई, जो जापान की वर्तमान राष्ट्रीय दर लगभग 1.3 से कहीं अधिक है.

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