वीगनवाद क्या है? कम लोगों को वीगन और शाकाहार में पता होगा अंतर
Zee News Desk
Dec 09, 2024
मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ लोगों ने जंगलो को छोड़कर शहरों का निर्माण किया. जिसमें उसने अपने सुख-सुविधा के तमाम इंतजाम किए.
पहले इंसान अपने भोजन के लिए जानवरों का शिकार करता था लेकिन धीरे-धीरे एनिमल फार्मिंग शुरू की. जिसमें जानवरों को पालकर उनका मांस बेचा जाता है.
इस क्रूरता को देखकर दुनिया में बहुत से लोगों ने इस जानवरों या उससे जुड़ी चीजों को अपने दैनिक जीवन में उपयोग करना बंद कर दिया.
जिसमें क्रूरता या हिंसा शामिल है. यहीं से वीगनवाद की अवधारणा बनी. एनिमल फार्मिंग से दुनिया में बहुत अधिक प्रदूषण होता है.
क्या है वीगनवाद?
वीगनवाद एक दर्शन और जीवन शैली है. वीगन लोग मांस-अंडा के अलावा दूध और घी का भी सेवन नहीं करते हैं. वह केवल प्लांट फूड्स पर निर्भर रहते हैं.
बहुत से लोग पर्यावरण के प्रदूषण के को देखते हुए भी मांस-मछली का त्याग कर देते हैं.
शाकाहार और वीगनवाद में क्या अंतर है?
शाकाहारी लोग मांस का सेवन नहीं करते लेकिन जानवरों के दूध से बने प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं. लेकिन वीगन लोग केवल पेड़ पौधों से बने प्रोडक्ट का उपयोग करते हैं.
दुनिया भर में लगातार वीगन लोगों की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है.
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