बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) की तरह जया किशोरी (Jaya Kishori) भी भगवान की कथा सुनाती हैं. शादी की खबरों को लेकर दोनों का नाम जोड़ा गया तो फौरन बागेश्वर बाबा ने इसका खंडन किया.

जया किशोरी की कथा में चरित्र की पवित्रता पर खास जोर रहता है.

एक कथा में जया किशोरी ने बताया कि कामवासना शरीर में कैसे और कहां से आती है.

जया किशोरी ने श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शुकदेव जी के हवाले से अजामिल की कहानी सुनाई.

जया किशोरी ने बताया कि अजामिल एक बार वन में गया उसने किसी को अपनी पत्नी के साथ जलक्रीडा करते देखा और उसके मन में 'काम' जाग गया.

जया किशोरी ने बताया कि कामवासना जीवन में जब भी आएगी नेत्रों से आएगी.

कामवासना हमेशा नेत्रों से प्रवेश करती है.

इसलिए क्या देखा जाए ये जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण है.

क्या देखा जाए, कितना देखा, कब देखा जाए और कैसे देखा जाए आदमी इस मामले को लेकर बिल्कुल ध्यान ही नहीं देता.

जो भक्त हैं या साधक हैं वो इस बात को तय करें कि क्या देखा जाए और क्या नहीं. क्योंकि दृष्टि से जब दृश्य का प्रवेश होता है तब वो दृश्य अपना प्रभाव लेकर आता है आप उससे बच नहीं सकते हैं.

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