'तुम्हारी आंखों की तौहीन है ज़रा सोचो, तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है', पढ़िए बेहतरीन शेर

Tahir Kamran
Dec 11, 2024

हम आपको शराब पर लिखे गए शेर पढ़वाने जा रहे हैं, किसी भी तरह से शराब को प्रोत्साहित करना हमारा मकसद नहीं है.

यहां लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं, मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे

तुम्हारी आंखों की तौहीन है ज़रा सोचो, तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है

ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूं, क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया

साक़ी मुझे शराब की तोहमत नहीं पसंद, मुझ को तिरी निगाह का इल्ज़ाम चाहिए

पीता हूं जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगी, साक़ी ने जैसे प्यास मिला दी शराब में

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई, आओ कहीं शराब पिएं रात हो गई

अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में, जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में

बे पिए ही शराब से नफ़रत, ये जहालत नहीं तो फिर क्या है

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