जिन्होंने लड़ा था औरंगजेब से युद्ध, वो नागा साधु करेंगे बांग्लादेश कूच!
Shwetank Ratnamber
Dec 08, 2024
बांग्लादेशी हिंदुओं को बचाएंगे?
बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम और हिंदू साधु संतों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भारत में आवाज तेज हुई है.
केंद्र से अपील
साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने केंद्र सरकार से इस मामले में कड़े कदम उठाने की मांग की है.
अल्टीमेटम
अखाड़ा परिषद ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर जल्द ही बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार न रुके तो नागा साधुओं की फौज बांग्लादेश कूच करने को मजबूर होगी.
नागा साधु बांग्लादेश में क्या करेंगे?
इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं जब नागा साधुओं ने धर्म और समाज की रक्षा के लिए युद्ध लड़कर दुश्मनों को हराकर धूल चटाई और उनके दांत खट्टे कर दिए.
पहला धर्म युद्ध?
1757 में नागा साधुओं ने कृष्ण की नगरी की रक्षा के लिए मुस्लिम आक्रांता अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ धर्मयुद्ध लड़ा. उसने मथुरा-वृंदावन और गोकुल पर कब्जा किया तो 3000 नागा साधुओं ने 30,000 अफगानी सैनिकों को परास्त किया. युद्ध में 2000 नागा साधु वीरगति को प्राप्त हुए थे.
नागा साधु और औरंगजेब का महायुद्ध
नागा साधुओं ने एक और मुस्लिम आक्रांता औरंगजेब के खिलाफ भी युद्ध लड़ा था. 1666 इस्वी के हरिद्वार कुंभ मेले में औरंगजेब के सैनिकों ने हिंदू संतों पर हमला किया तो नागा संन्यासियों ने मुगल सेना का मुकाबला किया और औरंगजेब के सैनिकों को भागना पड़ा था.
बैटल ऑफ ज्ञानवापी
इससे पहले 1664 इस्वी में भी जब औरंगजेब की सेना ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था. तब उसे नागाओं ने ही मुंहतोड़ जवाब दिया था. इसे बैटल ऑफ ज्ञानवापी कहा जाता है ।