जंगी जहाज, पनडुब्बियां...चीन-भारत-पाकिस्तान की नेवी में कौन कितना मजबूत?
Rachit Kumar
Dec 05, 2024
किसी देश के लिए जितनी अहमियत थल सेना और वायुसेना की है, उतनी ही नौसेना की भी है.
समुद्री सुरक्षा आज के दौर में बेहद जरूरी है. यही वजह है कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपना प्रभुत्व बताता रहता है.
आज हम चीन, पाकिस्तान और भारत की नेवी की तुलना करेंगे और बताएंगे कि कौन कितना मजबूत है.
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2024 के मुताबिक, चीन रूस के बाद दुनिया की सबसे पावरफुल नेवी है. भारत आठवें नंबर पर है जबकि पाकिस्तान 32वें.
लेकिन ड्रैगन का जवाब देने के लिए भारतीय नेवी लगातार खुद को मजबूत कर रही है और एक से बढ़कर एक विध्वंसक हथियार अपने बेड़े में शामिल कर रही है.
चीन के पास 355 वॉरशिप, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. अगले साल तक चीन अपने वॉरशिप की तादाद को 420 तक ले जाएगा और 2030 तक वह इसे 460 तक ले जानी की प्लानिंग में जुटा है.
वहीं पाकिस्तान भी लगातार चीन की मदद से अपनी नेवी को आधुनिक बना रहा है. चीन के पास फिलहाल 24 जंगी जहाज हैं.
2035 तक वह अपने जंगी जहाजों की तादाद 50 तक करने पर काम कर रहा है. लेकिन उसकी अर्थव्यवस्था का दिवाला निकला हुआ है. लिहाजा इस टारगेट पर संशय है.
भारत के पास 12 युद्धपोत हैं. जबकि चीन के पास 49. पाकिस्तान के पास महज 2 युद्धपोत हैं.
भारत के पास 18 सबमरीन हैं. इनमें से 3 परमाणु मिसाइलें दाग सकती हैं. जबकि चीन के पास 61 पनडुब्बियां हैं. जबकि पाक के पास 8.
भारतीय नेवी अगले 10 वर्ष में अपनी ताकत में अभूतपूर्व इजाफा करने जा रही है.
अगले एक दशक में नेवी में 96 जहाज व पनडुब्बियां शामिल की जाएंगी. 2030 तक इंडियन नेवी में 155-160 वॉरशिप होंगे.