धार्मिक मान्यता के अनुसार नई दुल्हन अपनी पहली होली अपने घर मनाती है
धार्मिक मान्यता के अनुसार नई दुल्हन को अपने ससुराल की पहली होली देखना अशुभ माना जाता है
जलती होली को सास और बहु साथ में देखते है तो दोनों के बीच लड़ाई होने लगती है
पहली होली ससुराल में मनाने से घर में कलह पैदा होते है
एक तर्क ये भी है कि दामाद को पहली होली अपनी बीवी के साथ उसके मायके में ही मनानी चाहिए
ऐसा करने से लड़का- लड़की के घरवालों को और अच्छे से जानने लगता है
ऐसे में मायके में पत्नी के साथ होली खेलने से उसकी ये झिझक भी दूर होती है
वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है
लॉजिकल पॉइंट की बात करें तो मायके में लड़की खुद को थोड़ा फ्री महसूस करती है. पति के साथ खुलकर होली खेल पाती है
साथ ही ससुराल में सास, ससुर और बाकी रिश्तेदार वालों के साथ थोड़ा झिझकती भी है