बच्चों से कहें कि वो बड़े हो चुके हैं इसका मतलब यह नहीं की वे आपसे बातें छुपा सकते हैं. उनके दोस्त बनें ताकि वे सबकुछ आपसे बेझिझक शेयर करें.
कॉलेज में कदम रखन से पहले बच्चों को लोगों की पहचान करना सिखाएं. उन्हें बुरी संगत से दूर रहने की सलाह दें.
कॉलेज शुरू होने पर सैकड़ों नए छात्र आपसे मुखातिब होते हैं. ऐसे में बच्चों को सिखाएं कि सभी से बेहतर तालमेल बनाकर रखें.
अपने बच्चों को हर स्थिति में सभ्य भाषा का इस्तेमाल करने ही सलाह दें. चाहे किसी से नाराजगी हो या टकरार. क्लास में पढ़ने वाले बच्चों से बात करने का ढंग अच्छा होना चाहिए.
बच्चों को हमेशा कॉन्फिडेंट रहना सिखाए. इससे जल्दी और अच्छे दोस्त तो बनेंगे ही, पढ़ाई में टीचर्स को भी इंप्रेस कर सकेंगे.
अगर कोई ऐसा छात्र है जो कॉलेज से ज्यादा बाहर की चीजों से मतलब रखता है तो ऐसे लोगों से दूरी बनाने बनाने को कहें.
कॉलेज में आकर बच्चों को अक्सर क्लास बंक करना बहुत कुल लगता है, लेकिन आप इससे होने वाले नुकसान उन्हें जरूर गिनाएं.
बच्चों पर केवल पढ़ाई का प्रेशन न डालें. उन्हें अपने अनुभव के जरिए बताएं कि कॉलेज लाइफ का अपना एक अलग मजा होता है.
बच्चों से कहें कि पढ़ाई ही सबकुछ नहीं. उन्हें एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने की सलाह भी दें.
बच्चों के दिमाग में यह बात जरूर डालें कि फ्यूचर पर फोकस करने और बेहतक करियर बनाने का भी यही समय होता है.