UPSC: IFS अनीषा तोमर के अफसर बनने की कहानी

chetan sharma
Jul 01, 2023

असफलताओं से न घबराएं

सिविल सेवा परीक्षा के दौरान मिली असफलताओं से कई उम्मीदवार हताश होकर दूसरी राह की ओर चल पड़ते हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो लगातार मिलने वाली निराशा के बावजूद भी डटकर खड़े रहते हैं और अपने दृढ़ निश्चय और लगन के चलते सिविल सेवा परीक्षा में कामयाबी हासिल करते हैं.

अमीषा तोमर

ऐसे ही एक कहानी है अनीषा तोमर की जिन्होंने जीवन में आने वाली कठिनाइयों के सामने कभी भी घुटने नहीं टेके और आखिरकार सफलता के मुकाम तक पहुंचीं.

यहां से की है पढ़ाई

अनीषा तोमर बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज़ थीं. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. ग्रेजुएशन के दौरान ही अनीषा ने यूपीएससी परीक्षा देने का मन बना लिया था और साल 2016 में डिग्री पूरी होते ही तैयारी भी शुरू कर दी थी.

ऐसे की पढ़ाई

इसके लिए उन्होंने सबसे पहले यूपीएससी सिलेबस को अच्छी तरह से समझने का प्रयास किया. फिर उसी के अनुसार स्टडी मैटेरियल तैयार किया और नियमित रूप से पढ़ाई शुरू कर दी.

2017 में UPSC का पहले अटेंप्ट

अनीषा ने साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा का पहला अटेम्प्ट दिया था. इस परीक्षा में वह केवल कुछ नंबरों से प्रीलिम्स पास करने में चूक गईं. इसके बाद जब उन्होंने अपना दूसरा अटेम्प्ट दिया तो वह प्रीलिम्स तो पास कर गईं लेकिन इस बार मेन्स में बात अटक गईं.

खुद को किया मोटिवेट

मेंस क्लियर नहीं होने से उन्होंने निराश होने की जगह वह काफी प्रोत्साहित महसूस कर रही थीं. इस दौरान अनीषा ने खुद को सकारात्मक रखा और धैर्य के साथ पढ़ाई भी जारी रखी.

कमियों को पहचाना

उन्होंने अपनी कमियों को पहचाना और उसमें सुधार भी किया. आखिरकार, तीसरे प्रयास में अनीषा ने परीक्षा के तीनों चरण पास किए और 94वीं रैंक भी हासिल की थी.

सेल्फ स्टडी पर करें भरोसा

अनीषा का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी पर भरोसा करें और नोट्स बनाकर पढ़ने की आदत डालें. साथ ही मेन्स परीक्षा के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव बेहद सोच समझकर ही करें.

सकारात्मक सोच और धैर्य रखना जरूरी

वह कहती हैं कि अगर इस कठिन परीक्षा में आपको सफलता प्राप्त करनी है तो सही रणनीति के साथ साथ सकारात्मक सोच और धैर्य रखना बेहद आवश्यक है. इसके अलावा अपनी कमियों को पहचाने और उसमें सुधार करने का भी प्रयास करें.

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