पापा का सपना पूरा करने के लिए बेटी पहले बनी IPS फिर IAS
chetan sharma
Aug 31, 2023
IAS मुद्रा गैरोला
कुछ लोग मिसाल बन जाते हैं. अक्सर ये सुनने को मिलता है कि पिता बेटी की ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश करते हैं. लेकिन एक बेटी ऐसी भी है जिसने पिता के सपने पूरे करने के लिए अपने सपने को भुला दिया. यह कहानी है उत्तराखंड के कर्णप्रयाग की रहने वाली आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला की.
यहां से की है 10वीं 12वीं की पढ़ाई
आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं. वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली में रहता है. वह बचपन से ही टॉपर रही हैं. उनके 10वीं में 96% और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 97% मार्क्स थे.
मुंबई से किया BDS
वह स्कूल में भारत की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी से सम्मानित हो चुकी हैं. मुद्रा ने 12वीं पास करके मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में बीडीएस यानी डेंटल में दाखिला लिया.
बीडीएस में गोल्ड मेडलिस्ट
बीडीएस में भी गोल्ड मेडल हासिल किया. ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वह दिल्ली आ गईं और एमडीएस में दाखिला लिया.
पिता का सपना किया पूरा
उनके पिता हमेशा से ही चाहते थे कि बेटी आईएएस अफसर बने. दरअसल पिता आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन किसी कारण से यह अधूरा रह गया था.
बीच में छोड़ दी थी MDS
मुद्रा ने एमडीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. साल 2018 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम दिया. जिसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं.
नहीं कर पाई थीं एग्जाम क्रेक
2019 में फिर से यूपीएससी इंटरव्यू दिया. इस बार भी फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद 2020 में वह मेन्स एग्जाम क्रैक नहीं कर सकीं.
2021 में बनीं आईपीएस
मुद्रा ने साल 2021 में एक बार फिर से यूपीएससी एग्जाम दिया. इस बार उनकी मेहनत थोड़ी रंग लाई और उन्होंने 165वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर किया और आईपीएस बन गईं. लेकिन उन्हें आईएएस से कम कुछ मंजूर नहीं था. साल 2022 में 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर करके वह आईएएस बनने में कामयाब रहीं.
पिता खुद बनना चाहते थे IAS
मुद्रा के पिता अरुण भी सिविल सर्विसेस एग्जाम क्लीयर करके आईएएस बनना चाहते थे. उन्होंने साल 1973 में UPSC की परीक्षा दी थी. उस वक्त वह इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाए थे. उनका अधूरा सपना था बेटी ने पूरा किया.