वो 9 किताबें, जो सिखा देंगी आपको ह्यूमन बिहेवियर को समझने की कला
Kunal Jha
Mar 03, 2024
प्राचीन काल से ही इंसानों के स्वभाव पर स्टडी की जाती रही है. क्यों और कैसे हमारे काम, हमारे निर्णय और लोगों को प्रभावित करने की हमारी क्षमता इस दुनिया पर असर डालती है, इसके बारे में आज भी स्टडी की जाती है. इसलिए, अगर आप भी ह्यूमन बिहेवियर और सायकोलॉजी को समझना चाहते हैं, तो आप इन किताबों को पढ़ सकते हैं.
रॉबर्ट ग्रीन की 'द लॉ ऑफ ह्यूमन नेचर'
रॉबर्ट ग्रीन की इस किताब में इंसानों के व्यवहार की जटिलताओं पर गौर किया गया है. यह उन अंतर्निहित प्रेरणाओं और पैटर्न की खोज करती है, जो हमारे कार्यों, आदतों और नियंत्रण को प्रभावित करते हैं.
डेनियल कन्नमैन की 'थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो'
'थिंकिंग, फास्ट एंड स्लो' हमारे सोच के दो सिस्टम की खोज करती है, जो हमारे निर्णयों को संचालित करते हैं.
फिलिप जी. ज़िम्बार्डो की 'द लूसिफेर इफेक्ट'
'द लूसिफेर इफेक्ट' एक ऐसी किताब है, जो इस बात की जांच करती है कि परिस्थितियों और शक्ति की गतिशीलता के अनुसार मानव व्यवहार कैसे बदलता है. कुख्यात स्टैनफोर्ड जेल प्रयोग से प्रेरणा लेते हुए, यह किताब बताती है कि कैसे सामान्य लोग कुछ परिस्थितियों में असाधारण कार्य कर सकते हैं.
डैनियल गोलेमैन की 'इमोशनल इंटेलिजेंस'
ऐसी दुनिया में जहां आईक्यू चार्ट लोगों की स्थिति और सम्मान पर हावी है, वहां गोलेमैन की यह किताब सफलता प्राप्त करने के लिए आत्म-जागरूकता, आत्म-नियमन, सहानुभूति और सामाजिक कौशल के महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमारे जीवन में भावनाओं की भूमिका का पता लगाती है.
एरिक बर्न की 'गेम्स पीपल प्ले'
बर्न की यह किताब पाठकों को ह्यूमन इंट्रेक्शन की समझ और उन खेलों से परिचित कराती है, जो लोग अनजाने में अपने रिलेशनशिप में खेलते हैं, चाहे वह वैवाहिक, यौन या पेशेवर क्यों ना हो.
रॉबर्ट सियाल्डिनी की लिखित 'इनफ्लुएंस: द साइकोलॉजी ऑफ पर्सुएशन'
रॉबर्ट सियाल्डिनी की यह किताब उन कारणों और सिद्धांतों की जांच करती है, जहां लोग उस चीज के लिए 'हां' कहते हैं या उस चीज से सहमत होते हैं, जिसके लिए वह पहले तैयार ना हों.
रॉल्फ डोबेली की 'द आर्ट ऑफ थिंकिंग क्लियरली'
रोजमर्रा की जिंदगी की साधारण गलतियों से लेकर हमारी नौकरी और फाइनेंस सिक्योरिटी तक का नुकसान उठाने वाली गलतियों तक, मनुष्य हर रोज गलतियां करता है और अक्सर यह पहचानने में असफल हो जाता है कि उनसे कहां गलती हुई. डोबेली की यह किताब बस इसी को कवर करती है और बताती है कि उन छोटी गलतियों को कैसे पहचाना जाए.
डैनियल पिंक की 'ड्राइव'
पिंक ने अपनी इस किताब में साइंस ऑफ मोटिवेशन की खोज की है, जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक खुशी और लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्वायत्तता, निपुणता और उद्देश्य के महत्व पर प्रकाश डालकर हमें प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाली पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देती है.
डैन एरीली की 'प्रिडिक्टिबली इरेशनल'
एक अच्छी तरह से रिसर्च की गई और व्याख्या की गई किताब, 'प्रिडिक्टेबली इर्रेशनल' उन छिपी हुई ताकतों की जांच करती है, जो हमारे तर्कहीन व्यवहार को आकार देती हैं, चाहे वह कॉफी पर अत्यधिक खर्च करने से लेकर सूप के डिब्बे और भोजन के लिए कूपन काटने तक हो. यह तर्कसंगतता, निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और मानव स्वभाव के बारे में है.