अंडरगारमेंट में छिपाकर खाती थी रोटियां, कभी लगाने जा रही थी फांसी, पर आज है IAS अफसर

Kunal Jha
Sep 13, 2024

दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस सविता प्रधान की, जिनके लिए IAS बनने का सफर काफी संघर्ष भरा था. इस पद तक पहुंचने से पहले उन्होंने काफी दर्दनाक जीवन जिया है.

सविता प्रधान मध्य प्रदेश के मंडी गांव के एक आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वह अपने गांव की 10वीं पास करने वाली पहली लड़की थीं.

सविता के माता-पिता चाहते थे कि उन्हें स्कॉलरशिप की राशी मिले, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी का एडमिशन घर से 7 किलोमीटर दूर के स्कूल में करवा दिया. जहां उन्हें रोजाना पैदल जाना पड़ता था. हालांकि उन्होंने जैसे-तैसे करके बायोलॉजी के साथ कक्षा 12वीं कम्पलीट की.

इसके बाद महज 16-17 साल की उम्र में ही उनकी सगाई बिना उनकी मर्जी के करवा दी गई. इसके बाद उनकी शादी-शुदा जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आने लगे और साथ ही उन्हें अपने ससुराल वालों के जुल्म भी सहने पड़े.

ससुराल में सविता पर एक कैदी की तरह पाबंदियां लगा दी गई थी. वह ना ससुराल वालों के साथ बैठकर खाना खा सकती थी और ना ही उन्हें ज्यादा हंसने-बोलने की इजाजत थी.

सविता का पति उन्हें काफी मारता-पीटता था. इसके अलावा ससुराल में एक बार खाना खत्म हो जाए, तो दोबारा खाना बनाने की मनाही थी, जिस कारण सविता को अपने अंडरगारमेंट्स में रोटियां छिपाकर और बाथरूम में छिपकर खानी पड़ती थी.

दो बच्चों की मां होने के बावजूद उनके पति और ससुराल वालों का जुल्म उन पर कम नहीं हुआ और नौबत ऐसी आ गई कि सविता ने फांसी लगाकर खुद की जान दे देनी चाही. वहीं, फांसी लगाते समय सविता की सास ने उन्हें देख लिया पर बिना कुछ किए वहां से चली गई.

यह देख सविता ने फांसी लगाने के बजाय ससुराल छोड़ देने का निर्णय लिया. इसके बाद वह पार्लर में काम करने लगीं और साथ ही इंदौर यूनिवर्सिटी से उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.

मास्टर्स कम्पलीट करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली और आईएएस ऑफिसर बन गईं. इसके बाद उन्होंने हर्ष राय गौड़ से दूसरी शादी भी कर ली.

VIEW ALL

Read Next Story