आखिर रात के समय क्यों नहीं किया जाता पोस्टमार्टम? वजह जान चौंक जाएंगे आप

Kunal Jha
Sep 27, 2024

रात के समय पोस्टमार्टम न करने के पीछे कई प्रैक्टिकल, लीगल और सांस्कृतिक कारण होते हैं.

दरअसल, पोस्टमार्टम एक जटिल और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें शव की बारीकी से जांच की जाती है ताकि मौत का सही कारण पता लगाया जा सके.

पोस्टमार्टम के दौरान सटीकता और सावधानी की जरूरत होती है, जो रात के समय प्रभावित हो सकती है. वहीं, रात के समय पोस्टमार्टन ना करने के कई और भी कारण हैं.

1. लाइट की कमी:

पोस्टमार्टम के दौरान शरीर की बारीकियों की जांच की जाती है, जिसके लिए नेचुरल लाइट की आवश्यकता होती है. दिन के समय नेचुरल लाइट बेहतर होती है, जबकि रात में आर्टिफिशियल लाइट में बारीकियों को देखना कठिन हो सकता है, जिससे गलतियां होने की संभावना बढ़ जाती है.

2. स्टाफ की कमी:

अधिकतर अस्पतालों में रात के समय काम करने वाले डॉक्टरों और टेक्निकल स्टाफ की संख्या सीमित होती है. पोस्टमार्टम जैसी प्रक्रिया के लिए ट्रेन्ड और एक्सपीरियंस डॉक्टरों और सहायक स्टाफ की जरूरत होती है, जो आमतौर पर दिन में उपलब्ध रहते हैं.

3. कानूनी और प्रशासनिक नियम:

कई देशों में पोस्टमार्टम से जुड़े कानूनी नियम होते हैं, जिनके तहत इसे दिन के समय करना अनिवार्य होता है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का सही पालन हो और किसी भी तरह की जांच या रिपोर्ट में कोई गलती न हो.

4. सुरक्षा कारण:

रात के समय काम करने वाले डॉक्टर और अन्य स्टाफ थकान या नींद के कारण गलती कर सकते हैं. इसके अलावा, रात में अस्पतालों में सुरक्षा और देखरेख के इंतजाम भी कम होते हैं.

5. सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं:

कई समाजों में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रात में शव का पोस्टमार्टम करना शुभ नहीं माना जाता, जिससे इस प्रक्रिया को दिन में ही पूरा करने की कोशिश की जाती है.

हालांकि, आपातकालीन और हत्या के मामलों में कभी-कभी रात में भी पोस्टमार्टम किया जाता है.

VIEW ALL

Read Next Story