बादलों के बीच दौड़ेगी रेल...न भूकंप, न ब्लास्ट का असर, 8वां अजूबा है रेलवे का चिनाब ब्रिज

Bavita Jha
Jun 16, 2024

बादलों के बाच सफर करेन के लिए आपको महंगे फ्लाइट टिकट की बुकिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी. जल्द ही आप ट्रेन में बैठकर बादलों के ऊपर सफर कर सकेंगे.

वो नजारा कितना खूबसूरत होगा ये सोचकर दी दिल खुश हो जाता है. जल्द ही ये हकीकत बनने वाली है. जल्द ही आपको कश्मीर की खूबसूरती के साथ-साथ बादलों के बीच रेल से सफर करने का मजा मिल सकेगा.

दुनिया के आठवां अजूबा और सबसे ऊंचे रेल ब्रिज चिनाब पुल पर रेल सेवा जल्द शुरू होने वाली है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट के कटरा-बनिहाल सेक्शन पर जल्द ही रेल सेवा शुरू होगी. चिनाब ब्रिज इसी सेक्शन का हिस्सा है.

चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज पर ट्रेन सर्विस जल्द शुरू होंगी. इस पुल पर रेल यात्रा शुरू होने के बाद लोग रामबन से रियासी तक आसानी से पहुंच सकेंगे.

चिनाब पुल पर रेल सेवाओं के शुरू होते ही कश्मीर घाटी पूरी तरह से भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगी. कश्मीर घाटी पहुंचना लोगों के लिए आसान हो जाएगा.

चिनाब ब्रिज पर रेल सेवा शुरू होने के बाद लोग बादलों के बीच ट्रेन से यहां से सफर कर पाएंगे. चिनाब नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना यह पुल दुनिया का आठवां अजूबा है.

ये पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है. इसे इंजानियरिंग का अद्भुत कारनामा माना जा रहा है. दो पहाड़ों को ऊंचाई पर जोड़ने वाले इस ब्रिज को बनाने में 93 डेक का इस्तेमाल किया गया है.

चिनाब पुल 17 स्पैन से बना है, आर्च की लंबाई 467 मीटर है, जिसे सबसे लंबा माना जा रहा है.

चिनाब पुल पर भूकंप भी बेअसर रहेगा और न ही इस पर किसी बम धमाकों का असर होगा. चिनाब ब्रिज ब्लास्ट प्रूफ है.

इस ब्रिज से ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजर सकती है. रेलवे के मुताबिक इस पुल को 120 सालों तक कुछ नहीं होने वाला है.

इसे तैयार करने का काम कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किया है. इसे तैयार करने में 1486 करोड़ रुपये का खर्च आया है.

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