Breast Tax: छाती ढकने पर औरतों के फाड़ देते थे कपड़े, वसूला जाता था टैक्स!
Saumya Tripathi
Jul 16, 2024
आज हम पानी, बिजली, घर न जाने किन-किन चीजों का टैक्स का भरते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं एक समय ऐसा था जब औरतें छाती ढकने का टैक्स भरती थीं.
ये सुनकर हैरानी हुई ना? जी हां केरल के त्रावणकोर में निचली जाति की महिलाओं छाती ढंकने के लिए टैक्स देना होता था.
विरोध
अगर किसी ने इसका विरोध किया या इसे तोड़ा तो उसे सजा भी दी जाती थी. बाद में लंबे विरोध के बाद इस कुप्रथा को खत्म किया गया.
छाती ढकने पर टैक्स
केरल के त्रावणकोर में निचली जाति की महिलाओं के सामने अगर कोई अफसर, ब्राह्मण आता था तो उसे छाती से अपने वस्त्र हटाने होते थे या छाती ढकने के एवज में टैक्स देना होता था.
निचली जाति के लिए कड़े नियम
चेन्नई में पहला अंग्रेजी अखबार लांच करने वाली “मद्रास कुरियर” की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में निचली जाति की महिलाओं के लिए कड़े नियम बनाए गए थे.
शुरुआत
अगर ये महिलाएं अपनी छाती ढंकती थी तो उन्हें अपने स्तन के आकार के मुताबिक टैक्स भरना होता था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टैक्स की शुरुआत त्रावणकोर के राजा ने शुरू की थी.
सजा
BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स नहीं देने और आदेश को नहीं मानने वाली महिलाओं को सजा भी दी जाती थी. बताया जाता है कि विरोध करने वाली महिलाओं के स्तन काट दिए गए थे.
150 साल पुरानी कुप्रथा
केरल के इतिहास के पन्नों में छिपी ये कहानी करीब डेढ़ सौ साल पुरानी है. जाने-माने लेखक दीवान जर्मनी दास ने अपनी किताब 'महारानी' में इस कुप्रथा का जिक्र किया है.
रानी मनाती थीं सही
ये कुप्रथा करीब 125 साल तक चलती रही. यहां तक त्रावणकोर की रानी भी इस व्यवस्था को सही मानती थीं.
आजादी
सन् 1865 के आदेश द्वारा सबको ऊपरी वस्त्र पहनने की आजादी मिली.