दमदार लुक व फीचर्स, फिर भी Flop साबित हुईं ये 10 कार
कंपनी ने इस कार को 16.75 लाख रुपए की क़ीमत पर लॉन्च किया था. इसमें 2.2 लीटर पेट्रोल इंजन दिया गया था और ढेर सारे फ़ीचर्स थे, लेकिन हाई मेंटनेंस कॉस्ट की वजह से लोगों ने इसे नकार दिया.
फ़ोर्ड की यह कार काफ़ी बॉक्सी डिज़ाइन में लाई गई थी. इसमें 1.4 लीटर का पेट्रोल इंजन और 1.4 लीटर का डीज़ल इंजन था. लेकिन इसे भी हाई मेंटनेंस कॉस्ट के कारण सफलता नहीं मिल पाई
इस कार में 1.6 लीटर का इंजन दिया गया था. कार की क़ीमत काफ़ी ज़्यादा थी. कई ग्राहकों को इस कार का रियर लुक भी पसंद नहीं आता था
महिंद्रा ने अपनी Xylo का एक छोटा वर्जन Quanto लॉन्च किया था जिसे बाद में नए अवतार में NuvoSport नाम से लाया गया. कंपनी के लिए यह क़दम सफल साबित नहीं हुआ.
टाटा ने अपनी Indica Vista के नए वर्जन के रूप में Tata Bolt को लॉन्च किया था. इसमें 1.2 लीटर का पेट्रोल और 1.3 लीटर का डीज़ल इंजन दिया गया था. लेकिन अपने डिज़ाइन के चलते यह कार ग्राहकों को कुछ ख़ास पसंद नहीं आयी.
Lancer की सफलता के बाद कंपनी ने इस सेडान को भारत में लॉन्च किया था. इसका सीधा मुक़ाबला होंडा सिटी के साथ था. कंपनी ने इसे प्रीमियम और स्पोर्टी कार के रूप में पेश किया था लेकिन ग्राहकों को लुभाने में नाकाम रही
कंपनी की इस MPV कार में आपको ढेर सारा स्पेस मिलता था. इसे बॉक्सी डिज़ाइन और काफ़ी बेहतरीन इंटीरियर क्वालिटी के साथ लाया गया. हालाँकि मारुति अर्टिगा के मुक़ाबले ज़्यादा क़ीमत होने के चलते यह कार फ़ेल साबित हुई.
कम्पनी की इस SUV में 1.6 लीटर का पेट्रोल और 1.5 लीटर का डीज़ल इंजन दिया गया था. रेनो को लग रहा था कि वह डस्टर की तरह इस कार के ज़रिए भी ग्राहकों को लुभा पाएगी लेकिन वह गलत साबित हुई
डैटसन ने भारतीय बाज़ार में अपनी गो हैचबैक को लॉन्च किया था. जिसके बाद कंपनी इसका एक्सटेंडेड वर्जन गोप्लस लेकर आयी जिसमें सात लोगों के बैठने की सुविधा थी. इस कार का डिज़ाइन और फ़ीचर्स लोगों को कुछ ख़ास पसंद नहीं आ पाए.