Diwali 2022: दिवाली का त्योहार देश का सबसे खास त्योहार माना जाता है. दिवाली पर पूजा करने का खास महत्व होता है. देश में एक मंदिर ऐसा है, जो केवल दिवाली के मौके पर ही खुलता है. कुछ दिनों के दर्शन के लिए खुलने वाला ये प्रसिद्ध मंदिर बैंगलुरु के पास हासन में है. हासन के हसनंबा मंदिर में इन दिनों में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है.
Trending Photos
Hasanamba Temple: हमारे देश में कई चमत्कारिक जगहें हैं. इन्हीं जगहों में बेंगलुरु के नजदीक हासन का हसनंबा मंदिर भी शामिल है. इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं प्रचलित हैं. यहां के लोगों की हसनंबा मंदिर में गहरी आस्था है. हसनंबा मंदिर में अधिष्ठात्री देवी माता की पूजा की जाती है. इस मंदिर में आकर श्रद्धालु भगवान को पत्र लिखकर अपनी मन्नत मांगते हैं.
पौराणिक कथा
हसनंबा मंदिर बड़ा प्राचीन है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अंधकासुर नाम के एक राक्षस ने भगवान ब्रह्मा से अदृश्य होने का वरदान प्राप्त किया था. वरदान मिलने के बाद अंधकासुर ने धरती पर कई अत्याचार किए. तब अंधकासुर के नाश के लिए महादेव ने अपनी शक्ति से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया. मंदिर में यही योगेश्वरी देवी की प्रतिमा है.
चमत्कारी है मंदिर
माना जाता है कि एक बार चोरी करने पर हसनंबा ने चोर को पत्थर बना दिया था. यहां एक पत्थर है जो हर साल एक इंच खिसकता है. माना जाता है कि कलियुग के अंत तक ये पत्थर देवी के चरणों तक पहुंच जाएगा. बालीपद्यमी के दिन हसनंबा मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, गर्भगृह बंद करने से पहले घी का दीपक जलाया जाता है और माता पर फूल चढ़ाए जाते हैं. मान्यताओं के मुताबिक जब सालभर बाद दिवाली के दिन कपाट खोले जाते हैं, तो मंदिर में दीपक जला हुआ मिलता है और फूल ताजा जैसे प्रतीत होते हैं. ऐसी चीजें होना असामान्य है.
हसनंबा का इतिहास
यहां के लोग मानते हैं कि हसनंबा मंदिर का निर्माण होयसला वंश के शासनकाल के आस-पास हुआ था. हालांकि इस मंदिर के निर्माण और इसके इतिहास के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. हसनंबा मंदिर 12 वीं शताब्दी में बना था. बता दें कि होयसला वंश के शासन के दौरान हासन, कर्नाटक का सबसे बड़ा शहर था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर