Google News: एरिजोना के अटॉर्नी जनरल मार्क ब्रनोविच ने मई 2020 में गूगल पर मुकदमा दायर किया था. इसमें दावा किया गया था कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन और ऐप पर उसके सॉ़फ्टवेयर में 'डार्क पैटर्न' बनाए गए थे. मुकदमे के अनुसार, उपयोगकर्ताओं द्वारा लोकेशन शेयरिंग बंद करने के बाद भी, गूगल विज्ञापन डेटा एकत्र करने के लिए बैकग्राउंड में लोकेशन ट्रैकिंग चालू रखता है.
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Biggest fine on Google: दिग्गज टेक कंपनी गूगल एक बार फिर बड़ी मुसीबत में फंस गई है. इस बार उसे जुर्माने के रूप में अब तक का सबसे बड़ा भुगतान करना पड़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अमेरिका के एरिजोना राज्य के उन दावों को निपटाने के लिए 8.5 करोड़ डॉलर का भुगतान कर रही है, जिसमें कहा गया था कि गूगल ने अवैध रूप से एंड्रॉयड यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक किया है. द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता उपभोक्ता धोखाधड़ी के मुकदमे में गूगल द्वारा (प्रति व्यक्ति) अब तक का सबसे बड़ा भुगतान है.
लोकेशन बंद होने के बाद भी ट्रैकिंग
एरिजोना के अटॉर्नी जनरल मार्क ब्रनोविच ने मई 2020 में गूगल पर मुकदमा दायर किया था. इसमें दावा किया गया था कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन और ऐप पर उसके सॉ़फ्टवेयर में 'डार्क पैटर्न' बनाए गए थे. मुकदमे के अनुसार, उपयोगकर्ताओं द्वारा लोकेशन शेयरिंग बंद करने के बाद भी, गूगल विज्ञापन डेटा एकत्र करने के लिए बैकग्राउंड में लोकेशन ट्रैकिंग चालू रखता है. कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि मामला पुरानी प्रोडक्ट नीतियों पर आधारित था, जिन्हें अपडेट किया गया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोकेशन डेटा के लिए सीधे नियंत्रण और ऑटो डिलीट विकल्प प्रदान करते हैं और हम जो डेटा एकत्र करते हैं उसे कम करने के लिए हमेशा काम कर रहे हैं. हमें इस मामले को हल करने में प्रसन्नता हो रही है.’
गूगल ने दिया था यह तर्क
लोकेशन डेटा संग्रह पर एरिजोना अटॉर्नी जनरल द्वारा दायर 2020 की शिकायत पर मुकदमा दायर किया गया था. गूगल ने कहा था कि सभी स्मार्टफोन लोकेशन डेटा का उपयोग करते हैं. यह उनके काम करने के तरीके का इम्पोर्टेंट पार्ट है. इस मामले में कोर्ट ने गूगल की दलील नहीं सुनी और उसे हर्जाने के रूप में इतनी बड़ी रकम चुकानी पड़ रही है.